Jhalawar School Collapse: मर गई मानवता!.. लकड़ी नहीं, टायर से किया झालवाड़ हादसे में मारे गए स्टूडेंट का अंतिम संस्कार
राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने इस दुखद घटना का स्वतः संज्ञान लिया और झालावाड़ के जिला मजिस्ट्रेट, जिला शिक्षा अधिकारी, शिक्षा निदेशक – बीकानेर और झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किए। आयोग ने तथ्यात्मक रिपोर्ट, दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।
Jhalawar School Collapse Case || Twitter
- स्कूल की छत ढहने से सात बच्चों की मौत।
- अंतिम संस्कार में टायर जलाने पर उठे सवाल।
- मानवाधिकार आयोग ने लिया स्वतः संज्ञान, भेजा नोटिस।
Jhalawar School Collapse Case: झालावाड़: राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार को सरकारी स्कूल की इमारत का एक हिस्सा ढहने से सात बच्चों की मौत हो गई थी जबकि 27 अन्य घायल हो गए थे। घटना जिले के मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी सरकारी स्कूल में हुई थी। बच्चे सुबह की प्रार्थना के लिए इकट्ठा हो रहे थे तभी छठी और सातवीं कक्षा की छत ढहने से इमारत का एक हिस्सा ढह गया, जिसमें लगभग 35 बच्चे दब गए थे।
सभी का किया गया अंतिम संस्कार
आज गमगीन माहौल में सभी मारे गये बच्चों का पोस्टमार्टम किया गया और सभी शवों को परिजनों को सौंप दिया गया। इनमें से पांच बच्चों का अंतिम संस्कार एक ही जगह पर जबकि बाकी दे दो बच्चों का दाह संस्कार अलग-अलग जगहों पर किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस और प्रशासन के अफसर मौजूद थे।
हालांकि इस अंतिम संस्कार के दौरान एक अमानवीय तस्वीर बाहर निकलकर आई। मारे गए पांच में से एक बच्ची के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी के बजाये पुराने टायरों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में हुए इस अंतिम संस्कार से अब व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए है।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
Jhalawar School Collapse Case: राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने इस दुखद घटना का स्वतः संज्ञान लिया और झालावाड़ के जिला मजिस्ट्रेट, जिला शिक्षा अधिकारी, शिक्षा निदेशक – बीकानेर और झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किए। आयोग ने तथ्यात्मक रिपोर्ट, दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है। आयोग ने कहा, ‘यह घटना प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई। जिन परिवारों ने अपने बच्चों को खोया है, उन्हें सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।’ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि उन्होंने शिक्षा मंत्री को गांव का दौरा करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी स्कूल भवन जर्जर हालत में न हो। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार समय-समय पर स्कूल भवनों के रखरखाव के लिए निर्देश जारी करती है। ज़िला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि राज्य में कोई भी स्कूल भवन जर्जर हालत में न हो ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो।’ शर्मा ने कहा कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और झालावाड़ के सांसद दुष्यंत सिंह से बात की है और वे भी वहां पहुंच रहे हैं।

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