खाने के तेल खरीदने से पहले जान ले ये बात, नहीं तो…

खाने के तेल खरीदने से पहले जान ले ये बात : Know this thing before buying edible oil, otherwise, edible oil price may increase

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  • Publish Date - February 7, 2023 / 09:51 PM IST,
    Updated On - February 7, 2023 / 10:37 PM IST

नयी दिल्ली । edible oil price may increase विदेशों में तेजी के रुख कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को कारोबार में मजबूती का रुख रहा। आयातित तेलों सहित लगभग सभी देशी तेल तिलहनों के दाम में मजबूती रही। बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज दो प्रतिशत मजबूत बंद हुआ जबकि शिकागो एक्सचेंज में 1.2 प्रतिशत की मजबूती रही। बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार द्वारा आगामी एक अप्रैल से सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क लगाये जाने के बाद इस खाद्यतेल के थोकबिक्री के समय जो प्रीमियम राशि वसूल की जा रही थी वह खत्म हो गया है। स्थिति यह है कि अब इस तेल का खपना मुश्किल हो गया है वैसे दाम अभी भी ऊंचे बोले जा रहे हैं। ठीक इसी तरह सूरजमुखी तेल पर जो थोक में 30 रुपये प्रति किलो वसूली जा रही थी वह घटकर अब 10 रुपये किलो रह गया है। जनवरी महीने में सूरजमुखी तेल का जितना अधिक आयात हुआ है वह अगले तीन महीने की जरुरत को पूरा करने लायक है। सूत्रों ने कहा कि कुछ तबकों में यह चर्चा शुरु की जा रही है कि अर्जेन्टीना में सूखे जैसे हालात हैं, मलेशिया में कच्चे पामतेल का स्टॉक कम हो गया है, ब्राजील में भी सोयाबीन के मामले में दिक्कतें हैं, इंडोनेशिया सीपीओ की आपूर्ति घटाने के संबंध में निर्यात परमिट कम करने के बारे में सोचा जा रहा है।

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edible oil price may increase  उन्होंने कहा कि ऐसी चिंता रखने वाले सभी लोगों को कोटा प्रणाली की व्यवस्था के तहत शुल्कमुक्त आयात वाले सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के बंदरगाहों पर थोक में प्रीमियम के साथ बेचे जाने पर, देश में विभिन्न स्थानों पर सूरजमुखी तेल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से लगभग 25 प्रतिशत नीचे बिकने पर और देश में बढ़ते खाद्यतेल आयात और किसानों के देशी तेल तिलहन खपने की चिंता को लेकर भी बोलना चाहिये था। उन्हें पशुआहार और मुर्गीदाने के लिए खल और डी-आयल्ड केक की कमी के बारे में और तेल उद्योग की खस्ता होती हालत के बारे में भी चिंता रखनी चाहिये जिसकी उपलब्धता बढ़ने से दूध और अंडों के दाम कम होंगे। सूत्रों ने कहा कि देश में प्रचूर मात्रा में आयात हो रखा है। अगर विदेशी तेल की आपूर्ति कम होती है या महंगे भी होते हैं तो ऐसे में सरसों का पिछले साल का लगभग पांच लाख टन का बचा हुआ और आने वाली फसल का स्टॉक, अक्टूबर 2022 तक सोयाबीन का पुराना और नया स्टॉक मिलाकर लगभग 90-95 लाख टन का स्टॉक खपेगा और हमारे किसान लाभान्वित होंगे और आगे तिलहन उत्पादन बढ़ाने को प्ररित होंगे। उन्होंने कहा कि सोयाबीन तेल की कोटा व्यवस्था एक अप्रैल से समाप्त हो जायेगी लेकिन इस घोषणा के बाद ही इस तेल पर वसूली जाने वाली प्रीमियम राशि खत्म हो गयी है। इसी तरह सूरजमुखी तेल पर भी शुल्कमुक्त आयात की कोटा व्यवस्था समाप्त करने से इसपर लगने वाले प्रीमियम कम या समाप्त हो जायेगा।

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सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,980-6,030 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,450-6,510 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,450 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,420-2,685 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,990-2,020 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,950-2,075 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,100 रुपये प्रति क्विंटल।

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सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,600 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,750 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,300 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,445-5,575 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 5,185-5,205 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।