लिथियम-ऑयन बैटरी बनाने वाली लोहुम क्षमता विस्तार पर अगले तीन साल में 250 करोड़ रुपये निवेश करेगी

लिथियम-ऑयन बैटरी बनाने वाली लोहुम क्षमता विस्तार पर अगले तीन साल में 250 करोड़ रुपये निवेश करेगी

लिथियम-ऑयन बैटरी बनाने वाली लोहुम क्षमता विस्तार पर अगले तीन साल में 250 करोड़ रुपये निवेश करेगी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:39 pm IST
Published Date: April 18, 2021 10:57 am IST

नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) लिथिम ऑयन बैटरी बनाने वाली और पुनर्चक्रण कार्यों से जुड़ी लोहुम की अपनी क्षमता बढ़ाने के लिये अगले तीन साल में 250 करोड़ रुपये तक निवेश करने की योजना है। कंपनी की चौपहिया इक्ट्रिक वाहनों के लिये बैटरी विनिर्माण क्षेत्र में जाने की योजना है। लोहुम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

कंपनी की फिलहाल 300 मेगावाट घंटा सालाना बैटरी विनिर्माण की क्षमता है। जिसे बढ़ाकर गीगावाट (1,000 मेगावाट बराबर एक गीगावाट) घंटा के स्तर पर ले जाने की योजना है। इसके लिये उसने ग्रेटर नोएडा में बैटरी बनाने का नया कारखाना लगाने की योजना बनायी है।

लोहुम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रजत वर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने 2022 के लिये जिस क्षमता का अनुमान जताया था, हमने अब महसूस किया है कि वह मांग के मुकाबले काफी कम होगा। हमें तुरंत और क्षमता स्थापित करनी हैं और हम अब विनिर्माण तथा पुनर्चक्रण दोनों मामलों में अपनी क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं।’’

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उन्होंने योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ‘‘इस समय, हमारा लक्ष्य अगले 12 महीने की समयसीमा में एक बड़ा एकीकृत कारखाना लगाने का है। उस कारखाने में हम रोजाना 1,000 बैटरी का विनिर्माण कर सकते हैं। साथ ही 1,000 टन पुराने कच्चे माल का प्रसंस्करण कर सकते हैं। हमारी गीगावाट- घंटा स्तर के विनिर्माण के साथ 1,000 टन क्षमता के पुनर्चक्रण केंद्र स्थापित करने की योजना है।’’

कंपनी की मौजूदा क्षमता करीब 300 मेगावाट-घंटा सालाना है और इकाइयों के हिसाब से यह करीब 200 से 250 इकाई दैनिक है।

नई परियोजना में निवेश के बारे में पूछे जाने पर, वर्मा ने कहा, ‘‘जल्दी ही हम करीब 50 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। अगले दो से तीन साल में हमारी 200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है। ये निवेश दोपहिया, तिपहिया तथा चौपहिया वाहनों के लिये बैटरी विनिर्माण क्षमता बढ़ाने पर किये जाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि फिलहाल कंपनी दोपहिया, तिपहिया वाहनों के साथ भंडारण उपयोग के लिये भी बैटरी बना रही है।

वर्मा के अनुसार अब कंपनी चौपहिया वाहनों के लिये भी बैटरी बनाने के पायलट परियोजना पर काम कर रही है।

भाषा रमण मनोहर

मनोहर


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