नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) जानेमाने बैंककर्मी उदय कोटक ने मंगलवार को ऋण किस्त स्थगन पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह एक वाणिज्यिक निर्णय है जो बैंकों को लेना चाहिए।
उन्होंने सीएनबीसी टीवी18 पर कहा, ‘‘आखिरकार विवेक की जीत हुई। यह एक वाणिज्यिक निर्णय है जो बैंकों को लेना चाहिए।’’
शीर्ष न्यायालय ने 31 अगस्त 2020 से आगे ऋण किस्त स्थगन का विस्तार नहीं करने के केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि यह एक नीतिगत निर्णय है।
हालांकि, न्यायालय ने कहा कि छह महीने की ऋण किस्त स्थगन अवधि के लिए उधारकर्ताओं से कोई चक्रवृद्धि या दंडत्मक ब्याज नहीं लिया जाएगा, और यदि पहले ही कोई राशि ली जा चुकी है, तो उसे वापस जमा या समायोजित किया जाएगा।
आईसीआरए के उपाध्यक्ष (वित्तीय क्षेत्र की रेटिंग) अनिल गुप्ता ने कहा कि सभी ऋणदाताओं के लिए छह महीने की किस्त स्थगन अवधि के लिए चक्रवृद्धि ब्याज 13,500-14,000 करोड़ रुपये अनुमानित है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने पहले ही दो करोड़ रुपये तक उधारी लेने वाले उधारकर्ताओं के लिए राहत की घोषणा की थी, जिसके खजाने पर लगभग 6,500 करोड़ रुपये का भार पड़ा।’’
गुप्ता ने कहा, ‘‘सभी उधारकर्ताओं के लिए छूट की घोषणा के बाद अब ऋणदाताओं को लगभग 7,000-7,500 रुपये की अतिरिक्त राहत देनी होगी।’’
न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया के लिए जब कई बैंकों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया।
भाषा पाण्डेय मनोहर
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