लुफ्थांसा ने 103 भारतीय उड़ान परिचारकों को नौकरी से निकाला

लुफ्थांसा ने 103 भारतीय उड़ान परिचारकों को नौकरी से निकाला

लुफ्थांसा ने 103 भारतीय उड़ान परिचारकों को नौकरी से निकाला
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: February 12, 2021 11:04 am IST

मुंबई, 12 फरवरी (भाषा) जर्मनी की एयरलाइन लुफ्थांसा ने भारत में रखे गए 103 उड़ान परिचारकों को ‘नौकरी की गारंटी’ मांगने पर सेवा से निकाल दिया है। कंपनी ने उन्हें दो साल तक बिना वेतन के अवकाश पर जाने का विकल्प दिया था। मामले से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।

सूत्रों ने कहा कि ये कर्मचारी एयरलाइन के साथ एक निश्चित अनुबंध पर काम कर रहे थे और इनमें से कुछ 15 साल से अधिक समय से कंपनी के साथ थे।

लुफ्थांसा के एक प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा को दिये एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के गंभीर वित्तीय प्रभाव के चलते एयरलाइन के लिए पुनर्गठन के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है। कंपनी दिल्ली स्थित उन उड़ान परिचारकों को सेवा विस्तार नहीं दे सकती है, जो तय अवधि के अनुबंध पर हैं।

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हालांकि प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि कितने कर्मचारियों को काम से निकाला गया है।

प्रवक्ता के अनुसार, कई सारे कर्मचारियों की सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि कंपनी उनके साथ अलग-अलग समझौते कर पाने में सफल रही है।

बयान में कहा गया, ‘‘लुफ्थांसा को यह पुष्टि करते हुए दुख हो रहा है कि वह दिल्ली स्थित उन उड़ान परिचारकों की सेवाओं को विस्तार नहीं दे रही है, जो तय अवधि के लिये नौकरी पर रखे गये थे। कोरोना वायरस महामारी के गंभीर वित्तीय प्रभाव ने लुफ्थांसा के समक्ष एयरलाइन के पुनर्गठन के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। इन उपायों में भारत जैसे अहम अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ साथ जर्मनी और यूरोप में भी कर्मचारियों से संबंधित किये गये उपाय शामिल हैं।’’

कंपनी ने कहा कि उसने मौजूदा स्थिति को देखते हुए 2025 तक की दीर्घकालिक योजनाओं में विमानों की संख्या में 150 की कटौती करनी होगी। इससे केबिन क्रू के कर्मियों की संख्या पर भी असर होगा। इन सबके अतिरिक्त विभिन्न देशों की सरकारों के द्वारा अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर लगायी गयी पाबंदियों से केबिन क्रू के कर्मचारियों के पास खास काम नहीं बचा है।

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर


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