नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) ने लॉरियल इंडिया को 186.39 करोड़ रुपये से अधिक की मुनाफाखोरी का दोषी पाया है।
एनएए ने पाया कि लॉरियल ने जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया।
मुनाफाखोरी रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) की जांच में पाया गया कि लॉरियल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 15 नवंबर 2017 से फेस वाश, शैम्पू, बालों के रंग, कंडीशनर और कुछ मेकअप उत्पादों पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया।
एनएए ने मुनाफाखोरी की 50 प्रतिशत राशि या 93.19 करोड़ रुपये केंद्रीय उपभोक्ता कल्याण कोष (सीडब्ल्यूएफ) में और शेष राशि राज्यों के सीडब्ल्यूएफ में जमा कराने का आदेश दिया।
साथ ही इन उत्पादों की कीमतों को कम करने का निर्देश भी दिया गया है।
भाषा पाण्डेय
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