एनएआरसीएल को 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी ऐतिहासिक कदम: उद्योग जगत

एनएआरसीएल को 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी ऐतिहासिक कदम: उद्योग जगत

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  • Publish Date - September 17, 2021 / 12:07 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

नयी दिल्ली 16 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय संपत्ति पुर्नगठन कंपनी लि. (एनएआरसीएल) के लिए 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी की घोषणा से उत्साहित उद्योग जगत ने बृहस्पतिवार को इस कदम को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इस निर्णय से कर्ज में फंसी संपत्ति का समाधान करने और उसे उपयोग में लाने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को फंसे कर्ज वाली संपत्तियों के अधिग्रहण को लेकर एनएआरसीएल के लिये 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में एनएआरसीएल द्वारा जारी की जाने वाली प्रतिभूति रसीदों के लिए सरकारी गारंटी देने का निर्णय किया गया।

उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि इस कदम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बहीखाते साफ करने की पहल पूरी हो जायेगी, जिसकी शुरुआत 2015 में परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा के साथ हुई थी।

बनर्जी ने कहा, ‘‘सरकारी बैंक द्वारा उधार देने के जोखिम से बचने के प्रमुख कारणों में से एक उच्च एनपीए से बैंकों को होने वाली परेशानी भी रही है। इसके कारण फंसे ऋण में वृद्धि भी हुई है। बैड बैंक की व्यवस्था के जल्द शुरू होने के साथ ऋण वसूली में आने वाली सबसे बड़ी बाधा को हटा दिया गया है।’’

उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि गारंटी प्रदान करने के लिए सरकार की मंजूरी ‘‘अत्यधिक प्रशंसनीय’’ है। इससे देश में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों का तेजी से समाधान होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम से फंसे कर्ज के रूप में अटकी पड़ी पूंजी को निकालने में मदद मिलेगी, जिसका अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में उधार देने और खर्च करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।’’

वही फिक्की ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है और देश के बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों की प्रक्रिया को जारी रखने का संकेत देता है।

उसने कहा, ‘‘सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में एनपीए के कारण बैंकिंग क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए सुव़िचारित रणनीति अपनाई है। एनएआरसीएल की शुरुआत से इस प्रक्रिया को और अधिक बल मिलेगा।’’

भाषा जतिन

महाबीर

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