भारत में वैश्विक निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है नैस्डैक : अधिकारी

भारत में वैश्विक निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है नैस्डैक : अधिकारी

भारत में वैश्विक निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है नैस्डैक : अधिकारी
Modified Date: November 15, 2023 / 03:17 pm IST
Published Date: November 15, 2023 3:17 pm IST

(ललित के. झा)

सैन फ्रांसिस्को, 15 नवंबर (भाषा) नैस्डैक के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि वैश्विक निवेशकों से भारत में बेहद जरूरी निवेश लाने में अमेरिकी शेयर बाजार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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नैस्डेक के कार्यकारी वाइस चेयरमैन एडवर्ड नाइट ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि भारत में अभी ‘‘ 200 से अधिक बेहद बड़ी स्टार्टअप कंपनियां हैं जो भविष्य में सूचीबद्ध हो सकती हैं’’…ऐसा दुनिया में कहीं और नहीं देखा गया है।

नैस्डेक (नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिक्योरिटीज डीलर्स ऑटोमेटेड कोटेशन) एक स्टॉक एक्सचेंज है। एपल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी दुनिया की कुछ सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियां इसमें सूचीबद्ध हैं। यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) के बाद बाजार पूंजीकरण के हिसाब से दुनिया के सबसे पुराना तथा दूसरे सबसे बड़े शेयर बाजार में से एक है।

नाइट ने कहा कि भारत में ‘‘ एक मजबूत कानूनी प्रणाली… बेहद मजबूत विश्वविद्यालय हैं और इन सभी के दम पर प्रारंभिक चरण की कंपनियों ने नवाचार तथा प्रौद्योगिकी नवाचार का सृजन किया है और उसे जारी भी रख सकती हैं।’’

उन्होंने कहा कि लेकिन ‘‘ आपको पूंजी की जरूरत है और भारत की पूंजी की जरूरतें इसकी सफलता के साथ बढ़ती जा रही हैं।’’

नाइट ने कहा, ‘‘ स्टार्टअप कंपनियों के लिए आपको पूंजी की जरूरत है। इसलिए नैस्डैक के दृष्टिकोण से हमें लगता है कि हम वैश्विक निवेशकों को भारतीय अर्थव्यवस्था में सीधे प्रवेश दिला सकते हैं और भारत में अधिक पूंजी ला सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही ऐसे नियम बनाने की बात कर चुकी हैं जो भारतीय कंपनियों को अमेरिका में सूचीबद्ध होने की अनुमति देंगे।

नैस्डैक के अधिकारी ने कहा कि स्पष्ट रूप से अब पूरा ध्यान भारत पर है क्योंकि चीन में निवेश करना अधिक कठिन हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ वृद्धि और नौकरियां दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये अक्सर प्रारंभिक चरण की उच्च वृद्धि वाली कंपनियों से ही संभव हो सकता है। उन कंपनियों को बनाने और इनके सफल होने के लिए परिस्थितियां कभी-कभी कठिन होती है… हमारे पास ये अमेरिका में सिलिकॉन वैली में हैं। भारत के कुछ हिस्सों में यह है, लेकिन हम उस अवसर को व्यापक रूप देना चाहते हैं और एक-दूसरे से सीखना चाहते हैं।’’

भाषा निहारिका अजय

अजय


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