अहमदाबाद, 17 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकारण (एनसीएलटी) ने एबीजी शिपयार्ड के परिसमापकों को कहा है कि वे कंपनी के प्रवर्तकों से 101.05 करोड़ रुपये की वसूली के लिए बाजार निनियामक सेबी से संपर्क करें।
सेबी ने प्रवर्तकों को मार्च में निर्देश दिया था कि वे कंपनी को यह धन वापस करें।
एनसीएलटी की अहमदाबाद पीठ की न्यायिक सदस्य मनोरमा कुमारी ने परिसमापक की अर्जी पर सुनवाई के बाद उसे इस मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष जा कर वसूली के संबंध में समुचित आदेश प्राप्त करने का निर्देश देते हुए इस अर्जी का निस्तारण कर दिया।
न्यायाधिकरण की वेबसाइट पर शुक्रवार को यह आदेश चढ़ाया गया।
इस मामले में नियुक्त परिसमापक सुरेश भट ने उपरोक्त राशि की वसूली के लिए इस पीठ के समक्ष अर्जी लगायी थी। आरोप है कि प्रवर्तकों ने कंपनी का पैसा अपने निहित स्वार्थ के लिये गबन किया।
परिसमापक की ओर से खड़े वकील विशाल दवे ने इस मामले को केंद्र सरकार के पास भेज कर कंपनी कानून की धारा 210 और 213 के तहत इसकी जांच भी कराने का आग्रह किया था।
इससे पहले सेबी ने 24 मार्च के आदेश में प्रवर्तक सेकेंड लैंड डेवलपर्स :शिवराइज रिसोर्सेज: और इसके वरिष्ठ अधिकारियों ऋषि अग्रवाल तथा कमलेश कुमार अग्रवाल को गैरकानूनी तरीके से प्राप्त किए गए 101.05 करोड़ रुपये को आठ प्रतिशत ब्याज सहित कंपनी को लौटाने को कहा था। इसके लिए उन्हें तीन माह का वक्त था।
एनसीएलटी ने कर्ज चुकाने में असमर्थ एबीजी शिपयार्ड के परिसमापन का आदेश पिछले साल अप्रैल में ही जारी कर दिया था। कंपनी पर 18,000 करोड़ रुपये बकाया है।
भाषा मनोहर सुमन
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