एनडीडीबी ने सिर्फ बछिया को जन्म देने वाली वीर्य तकनीक का विकास किया

एनडीडीबी ने सिर्फ बछिया को जन्म देने वाली वीर्य तकनीक का विकास किया

एनडीडीबी ने सिर्फ बछिया को जन्म देने वाली वीर्य तकनीक का विकास किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: November 8, 2020 12:29 pm IST

नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की सहायक इकाई एनडीडीबी डेयरी सेवा ने रविवार को कहा कि उसने बंगलूर के एक अनुसंधान संगठन के साथ मिल कर सिर्फ बछिया को जन्म में सहाक वीर्य के प्रसंस्करण की तकनीक का विकास किया है।

एनडीडीबी डेयरी सेवा ने एक बयान में बताया कि इस तकनीक के परीक्षण उत्साहजनक हैं, और लिंग विशेष को जन्म देने वाली खुराक पहली बछिया का जन्म अक्टूबर 2020 में चेन्नई के पास अलामाधी वीर्य केंद्र (तमिलनाडु) में हुआ।

बयान में कहा गया कि लिंग विशेष को जन्म देने वाली वीर्य तकनीक चुनिंदा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पास हैं, जो डेयरी किसानों के लिए बहुत महंगी हैं। नई तकनीक से सिर्फ बछिया के पैदा होने के भरोसे से डेयरी किसानों को काफी आर्थिक लाभ होगा।

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बयान में एनडीडीबी के चेयरमैन दिलीप रथ के हवाले से कहा गया, ‘‘लिंग विशेष को जन्म देने में सहायक वीर्य के अंश को स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल से तैयार किया गया है और यह उद्योग के गुणवत्ता और उत्पादन मानकों के अनुरूप है। ऐसे में इस तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो सकेगा।’’

उन्होंने कहा कि एनडीडीबी डेयरी सर्विस ने कुछ साल पहले इस परियोजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य लिंग विशेष को जन्म देने वाले वीर्य की खुराक की लागत कम करना था।

उन्होंने कहा कि नई तकनीक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप है।

एनडीडीबी डेयर सर्विसेज इस परियाजना के लिए बेंगलूरू के एक संगठन के साथ भागीदारी की है। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण उपकरणों को विकास बेंगलूर के राष्ट्रीय जैव विज्ञान केंद्र और मद्रास के भारतीय विज्ञान संस्थान से प्राप्त किया गया है।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर अजय

अजय


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