कृषि कच्चे माल में रासायनिक संदूषण को नियंत्रित करना जरूरी: एफएसएसएआई |

कृषि कच्चे माल में रासायनिक संदूषण को नियंत्रित करना जरूरी: एफएसएसएआई

कृषि कच्चे माल में रासायनिक संदूषण को नियंत्रित करना जरूरी: एफएसएसएआई

:   Modified Date:  September 7, 2024 / 06:15 PM IST, Published Date : September 7, 2024/6:15 pm IST

कोलकाता, सात सितंबर (भाषा) भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने शनिवार को कहा कि खाद्य उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए कृषि कच्चे माल में रासायनिक संदूषण को नियंत्रित करना आवश्यक है।

एफएसएसएआई की कार्यकारी निदेशक इनोशी शर्मा ने कहा कि फसलों, फलों और मसालों में अधिकतम अवशेष स्तर (एमआरएल) को लागू करना एक बड़ी चुनौती है।

भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने नियमित ऑडिट की आवश्यकता और खेतों में गैर-अनुपालन वाली उपज को नकारने पर जोर दिया।

शर्मा ने अत्यधिक कीटनाशकों के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में खरीदारों को शिक्षित करने के महत्व पर भी जोर दिया, जिससे कच्चे माल में संदूषण हो सकता है।

उन्होंने इस मुद्दे को हल करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधियों के साथ एक समिति बनाने की योजना की घोषणा की।

इसके अलावा, शर्मा ने सटीक लेबलिंग की आवश्यकता और खाद्य व्यापार संगठनों (एफबीओ) द्वारा भ्रामक दावों से बचने पर जोर दिया। उन्होंने एफबीओ के बीच ‘स्व-अनुपालन’ की संस्कृति की वकालत की और सुझाव दिया कि वे मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रमाणित तीसरे पक्ष को नियुक्त करें।

भारत चैंबर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश पचीसिया ने बताया कि फसल उत्पादन के दौरान इस्तेमाल किए गए रासायनिक अवशेषों का पता लगने पर अक्सर खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं पर जुर्माना लगाया जाता है और कई मामलों में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की निर्यात खेप को रद्द कर दिया जाता है।

उन्होंने कृषि-बागवानी और कटाई के बाद की प्रक्रियाओं में प्रयुक्त रसायनों के संबंध में जागरूकता और सतर्कता बढ़ाने का आह्वान किया।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय

 

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