अगरबत्तियों के लिए नया बीआईसी मानक, सुरक्षा, बाजार को बढ़ावा
अगरबत्तियों के लिए नया बीआईसी मानक, सुरक्षा, बाजार को बढ़ावा
नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) विश्व में अगरबत्ती का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक भारत उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नया गुणवत्ता मानक लेकर आया है जिसके तहत अगरबत्ती निर्माण में कुछ कीटनाशक रसायनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इस कदम से करीब 8,000 करोड़ रुपये के अगरबत्ती बाजार को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
उपभोक्ता सुरक्षा, घर के अंदर वायु गुणवत्ता, पर्यावरणीय स्थिरता और नियामकीय अनुपालन पर बढ़ते जोर के मद्देनजर अगरबत्तियों के लिए एक अलग से भारतीय मानक ‘आईएस 19412:2025’ विकसित किया गया है। यह मानक कुछ सुगंधित यौगिकों और रसायनों पर वैश्विक स्तर पर लगाए गए प्रतिबंधों को भी ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के बयान के अनुसार, नए मानक का अनुपालन करने वाले उत्पाद बीआईएस मानक चिन्ह भी ले सकते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को आत्मविश्वास के साथ सूचित विकल्प चुनने में मदद मिलेगी।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने अगरबत्ती में उपयोग के लिए निषिद्ध पदार्थों की एक सूची भी तय की है।
सूची में एलेथ्रिन, पर्मेथ्रिन, साइपरमेथ्रिन, डेल्टामेथ्रिन और फिप्रोनिल जैसे कुछ कीटनाशक रसायन शामिल हैं।
इसके अलावा बेंजिल सायनाइड, एथिल एक्रिलेट और डाइफिनाइल एमीन जैसे कृत्रिम सुगंध मध्यवर्ती रसायनों पर भी रोक लगाई गई है।
मंत्रालय के अनुसार, इन पदार्थों में से कई मानव स्वास्थ्य, घर के अंदर वायु गुणवत्ता और पर्यावरणीय सुरक्षा पर संभावित नकारात्मक प्रभाव के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित हैं।
नए गुणवत्ता मानक के तहत अगरबत्तियों को मशीन निर्मित, हाथ से बनी और पारंपरिक मसाला अगरबत्ती की श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
इसमें कच्चे माल, जलने की गुणवत्ता, सुगंध प्रदर्शन और रासायनिक मानकों से जुड़ी आवश्यकताएं तय की गई हैं, ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और समान गुणवत्ता वाले उत्पाद मिल सकें।
मंत्रालय ने कहा, ‘इससे उपभोक्ता विश्वास बढ़ेगा, नैतिक और टिकाऊ विनिर्माण पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा, पारंपरिक कारीगरों को समर्थन मिलेगा और वैश्विक बाजारों तक पहुंच बेहतर होगी।’
लगभग 8,000 करोड़ रुपये वार्षिक आकार वाले भारतीय अगरबत्ती उद्योग से हर साल 1,200 करोड़ रुपये मूल्य की अगरबत्तियों का निर्यात होता है।
भारत अमेरिका, मलेशिया, नाइजीरिया, ब्राजील और मेक्सिको सहित 150 से अधिक देशों को अगरबत्तियां निर्यात करता है।
भाषा
योगेश रमण
रमण

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