यूपीआई लेनदेन में गतिरोध को रोकने के लिए एनपीसीआई कमियां दूर करेः सीतारमण

यूपीआई लेनदेन में गतिरोध को रोकने के लिए एनपीसीआई कमियां दूर करेः सीतारमण

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Modified Date: April 28, 2025 / 10:16 PM IST
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Published Date: April 28, 2025 10:16 pm IST

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यूपीआई के बुनियादी ढांचे की कमियां दूर करने के लिए सभी संबंधित पक्षों से मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने अगले दो-तीन वर्षों के भीतर प्रतिदिन एक अरब यूपीआई लेनदेन का लक्ष्य रखने पर भी जोर दिया।

वित्त मंत्री ने यह बयान पिछले कुछ समय में यूपीआई लेनदेन में उपयोगकर्ताओं को पेश आई समस्याओं की पृष्ठभूमि में आयोजित समीक्षा बैठक में दिया।

देश भर में यूपीआई लेनदेन 12 अप्रैल को बुरी तरह बाधित हुआ था जो एक पखवाड़े से भी कम समय में तीसरा वाकया था। इसके पहले 26 मार्च और दो अप्रैल को भी यूपीआई लेनदेन में समस्याएं आई थीं।

वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘वित्त मंत्री ने सभी संबंधित पक्षों से बुनियादी ढांचे की कमियां दूर करने, अंतिम उपयोगकर्ता अनुभव और साइबर सुरक्षा ढांचा बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।’

इस बैठक में सीतारमण ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को यूपीआई की मजबूती बढ़ाने और भविष्य में व्यवधानों को रोकने का निर्देश भी दिया।

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एक त्वरित भुगतान प्रणाली है जिसका प्रबंधन एनपीसीआई करता है।

वित्त मंत्री ने अगले दो-तीन वर्षों के भीतर प्रति दिन एक अरब यूपीआई ​​लेनदेन को लक्षित करने की जरूरत भी जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने अंतर-संचालन ढांचे के विकास और वैश्विक भुगतान स्वीकृति का विस्तार करके यूपीआई को अंतरराष्ट्रीय पटल पर तेजी से लोकप्रिय बनाने की महत्ता भी बताई।

यूपीआई लेनदेन लगातार बढ़ता जा रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर 2024-25 के दौरान यूपीआई लेनदेन में सालाना 72 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

एनपीसीआई के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि 2021-22 और 2024-25 के बीच, लगभग 26 करोड़ नए उपयोगकर्ता और 5.5 करोड़ नए कारोबारी यूपीआई मंच से जुड़े। यूपीआई के अब लगभग 45 करोड़ वार्षिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं।

वित्त वर्ष 2024-25 में यूपीआई से 261 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ जो सालाना आधार पर 30 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह मात्रा के लिहाज से वित्त वर्ष में 18,586 करोड़ लेनदेन हुए, जो 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

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