एक दशक में जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप की संख्या 50 से बढ़कर 11,000 हुई : मंत्री

एक दशक में जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप की संख्या 50 से बढ़कर 11,000 हुई : मंत्री

एक दशक में जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप की संख्या 50 से बढ़कर 11,000 हुई : मंत्री
Modified Date: July 7, 2025 / 08:25 pm IST
Published Date: July 7, 2025 8:25 pm IST

नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि प्रत्येक भारतीय देश की जैव अर्थव्यवस्था में एक हितधारक है।

मंत्री ने कहा कि भारत का जैव प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र एक दशक पहले लगभग 50 स्टार्टअप से बढ़कर लगभग 11,000 स्टार्टअप तक पहुंच गया है, जो नीतिगत समर्थन और संस्थागत भागीदारी से संभव हुआ है।

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उन्होंने भारत के जैव प्रौद्योगिकी मिशन में व्यापक सार्वजनिक समझ और समावेशी भागीदारी का आह्वान भी किया।

सिंह ने विश्व जैव उत्पाद दिवस – ‘द बायोई3 वे’ के मौके पर यहां एक समारोह में कहा कि 2030 तक 300 अरब अमेरिकी डॉलर की जैव अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि बायोई3 नीति जैव अर्थव्यवस्था लक्ष्यों को पर्यावरणीय स्थिरता, आर्थिक वृद्धि और समानता के साथ जोड़कर भारत के लिए टिकाऊ जैव-विनिर्माण में अग्रणी होने का आधार तैयार करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘जैव उत्पाद अब प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रह गए हैं। ये आजीविका के बारे में हैं। इनका दायरा जैविक रूप से नष्ट होने वाली पैकेजिंग से लेकर पर्यावरण के अनुकूल व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों तक है, जिनसे ग्रामीण रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भविष्य की औद्योगिक क्रांति जैव अर्थव्यवस्था द्वारा संचालित होगी, और भारत ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय


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