नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) सरकार ने सोमवार को कहा कि झारखंड के झरिया कोयला क्षेत्र में सुलगती आग से प्रभावित स्थानों की संख्या 77 से घटकर 27 पर आ गई है।
कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा कि झरिया मास्टर प्लान के तहत कोयला क्षेत्र में वैज्ञानिक कदम उठाकर सुलगती आग से प्रभावित क्षेत्र को 17.32 वर्ग किलोमीटर से घटाकर 1.80 वर्ग किलोमीटर पर लाने में सफलता मिली है।
झरिया के कोयला उत्पादक क्षेत्रों में जमीन के नीचे सुलगती आग एक प्रमुख समस्या रही है। यहां की खदान में आग लगने की पहली घटना 1916 में हुई थी। राष्ट्रीयकरण से पहले यहां की खदानों में अवैज्ञानिक तरीके से खनन होने और सुरक्षा पर बहुत कम ध्यान दिए जाने से आग से प्रभावित क्षेत्र बढ़ता चला गया था।
इससे स्थानीय पर्यावरण एवं जमीन की गुणवत्ता पर बेहद प्रतिकूल असर देखा जा रहा था। इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने पहल शुरू की थी जिसके अब सकारात्मक नतीजे दिखने लगे हैं।
कोयला मंत्रालय ने कहा, ‘‘राष्ट्रीयकरण से पहले आग से प्रभावित स्थान 77 थे जो झरिया मास्टर प्लान, 2009 में 67 और वर्ष 2021 में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक 27 रह गए हैं।’’
केंद्र सरकार ने अगस्त, 2009 में झरिया की खदानों में आग एवं पुनर्वास से संबंधित झरिया मास्टर प्लान को अनुमित दी थी। दस साल की अवधि वाली इस योजना पर 7,112.11 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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