बड़े वाणिज्यिक बैंकों के बोर्ड में एक या दो सदस्यों का ‘अत्यधिक दबदबा’ : दास
बड़े वाणिज्यिक बैंकों के बोर्ड में एक या दो सदस्यों का ‘अत्यधिक दबदबा’ : दास
मुंबई, 25 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पाया है कि बड़े वाणिज्यिक बैंकों के निदेशक मंडल (बोर्ड) में एक या दो सदस्यों का ‘अत्यधिक दबदबा’ रहता है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को यह बात कही। साथ ही उन्होंने बैंकों से इस चलन को ठीक करने के लिए कहा।
दास ने यहां आरबीआई द्वारा आयोजित एक बैठक में शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के निदेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि बोर्ड में चर्चा स्वतंत्र, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘बोर्ड के एक या दो सदस्यों, चेयरमैन या वाइस-चैयरमैन का अत्यधिक प्रभाव या दबदबा नहीं होना चाहिए। हमने ऐसा बड़े वाणिज्यिक बैंकों में भी देखा है… जहां भी हमने ऐसा देखा, हमने बैंक से कहा कि यह सही तरीका नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि सभी निदेशकों को बोलने का मौका दिया जाना चाहिए और किसी मामले पर किसी विशेष निदेशक की बात अंतिम नहीं होनी चाहिए।
दास ने एक अच्छी तरह से काम करने वाले बोर्ड के महत्व का जिक्र करते हुए यह बात कही। हालांकि, उन्होंने इसके बारे में अधिक विस्तार से नहीं बताया।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय

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