चाइना कंपनी वाले मोबाइल फोन की बदल गई पैकिंग, ग्राहकों में भ्रम फैलाने किया बड़ा बदलाव.. देखिए कैसे

चाइना कंपनी वाले मोबाइल फोन की बदल गई पैकिंग, ग्राहकों में भ्रम फैलाने किया बड़ा बदलाव.. देखिए कैसे

चाइना कंपनी वाले मोबाइल फोन की बदल गई पैकिंग, ग्राहकों में भ्रम फैलाने किया बड़ा बदलाव.. देखिए कैसे
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: June 28, 2020 3:57 pm IST

नईदिल्ली। चीनी उत्पादों के बहिष्कार को लेकर लोगों के आक्रोश का असर चीन की मोबाइल कंपनियों पर भी पड़ा है। अभी तक चीनी कंपनियों के भारत में बने मोबाइल के डिब्बे पर काफी छोटे आकार में ‘मेड इन इंडिया’ लिखा होता था। अब बदले हालात में चीनी मोबाइल कंपनियों पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा शब्द एक सेंटीमीटर बड़ा हो गया है। इतना ही नहीं इसे लाल और नीले रंग के घेरे में लिखा जा रहा है, जिससे यह लोगों को साफ दिखे।

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बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के बाजार में चीन की जबरदस्त पकड़ है। जानकारों के मुताबिक बाजार में चीन के मोबाइल हैंडसेट की 70 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी है, तो वहीं पार्ट्स के मामले में 80 से 90 फीसदी बाजार पर पकड़ है। चीन की आधा दर्जन कंपनियों ने देश में ही उत्पादन इकाई स्थापित कर ली है। इसके बाद भी अभी तक बड़ी खेप चीन से आती थी। बदले हालात में चीन की उत्पादन इकाइयों से मोबाइल हैंडसेट काफी कम आ रहे हैं। देश में ही स्थापित उत्पादन इकाइयों में बने हैंडसेट बाजार में आने लगे हैं।

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लॉकडाउन से पहले ही वीवो, रेडमी, ओपो जैसी कंपनियों के मोबाइल हैंडसेट भारत में ही बन रहे थे, लेकिन इनके डिब्बों पर मेड इन इंडिया काफी छोटे आकार में लिखा होता था। लेकिन अब ‘मेड इन इंडिया’ लाल और नीले फ्रेम में एक सेंटीमीटर बड़े आकार में बोल्ड कर लिखा जा रहा है। एक चीनी कंपनी के मोबाइल पर उत्पादनकर्ता देश की जगह ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन चाइना’ लिखा हुआ करता था, नई खेप में मोटे अक्षरों में ‘मेड इन इंडिया’ लिखा आ रहा है। मोबाइल के दुकानदार भी ग्राहकों को समझा रहे हैं कि कंपनी भले ही चीन की हो लेकिन हैंडसेट देश में ही बना है। मोबाइल कारोबारी शिवाकांत श्रीवास्तव का कहना है कि ‘अब कंपनी के प्रतिनिधि से लेकर सेल्समैन तक यह जताने में लगे हैं कि मोबाइल चीन का नहीं भारत का ही है।’

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चीन को भारतीय विरोध का अंदेशा है, इसीलिए ब्रांडेड पंखों पर पीआरसी (पीपुल्स ऑफ रिपब्लिक चाइना) लिखा आ रहा है। दीवारों पर लगने वाले फाइबर ब्लेड वाले पंखों का उत्पादन कंपनियां चीन में करती हैं। इन पंखों पर मेड इन चाइना की जगह पीआरसी लिख कर आ रहा है। ताकि ग्राहक भ्रम में रहें।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com