पाकिस्तान पर आतंकवाद के लिए धन का मार्ग बंद करने के मामले में ऊंची निगरानी रहेगी जारी

पाकिस्तान पर आतंकवाद के लिए धन का मार्ग बंद करने के मामले में ऊंची निगरानी रहेगी जारी

पाकिस्तान पर आतंकवाद के लिए धन का मार्ग बंद करने के मामले में ऊंची निगरानी रहेगी जारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: June 5, 2021 11:28 am IST

इस्लामाबाद, पांच जून (भाषा) पाकिस्तान मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक के ठोस प्रबंध करने के मामले में अपनी कमियों के कारण एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) की ‘उच्च निगरानी व्यवस्था’ में बना हुआ है।

मीडिया में शनिवार को आयी खबरों के मुताबिक पाकिस्तान को इस दिशा में अपनी कार्रवाई के बारे में समूह के सामने बराबर रपट दाखिल करते रहना होगा।

एपीजी मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के लिए धन के प्रवाह पर रोक को एक बहुपक्षीय समझौते के तहत गठित वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफटीएएफ) का एशिया प्रशांत क्षेत्रीय अध्याय है। एफएटीएफ का कार्यालय पेरिस में है।

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एपीजी ने अपनी दूसरी निगरानी रपट में पारस्परिक मूल्यांकन के आधार पर पाकिस्तान को एक कसौटी पर पहले नीचे के स्तर पर रखा है। रपट के अनुसार, पाकिस्तान को पांच बिंदुओं पर नियम का ‘अनुपालन करने वाला’ के बिंदुओं पर‘ बड़ी सीमा तक अनुपालन करने वाला’ और एक अन्य बिंदु पर ‘आशिंक रूप से अनुपालन करनेवाला ’ बताया गया है।

पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक रपट के अनुसार पाकिस्तान एफएटीएफ की 40 शर्तों में से सात शर्तों को पूरी तरह तथा 24 को बड़ी सीमा तक पूरा करता है। सात अन्य शर्तों में देश की वर्तमान स्थिति ‘आशिंक रूप से अनुपालन’ करने वाले की और दो शर्तों का पालन न करने वाली की है।

अखबर ने कहा है कि एपीजी समूह की रपट में मूल्यांकन की तारीख एक अक्टूबर, 2020 है। इसमें एपीजी ने कहा है कि पाकिस्तान उच्च निगरानी की व्यवस्था में बना रहेगा तथा मनी लॉड्रिंग तथा आतंकवाद के लिए वित्तपोषण के विरुद्ध रोक के नियमों के अनुपालन के बारे में उच्च निगरानी व्यवस्था के अंतर्गत जल्दी-जल्दी अपनी रपट पेश करता रहेगा। इन रपटों की बाद में समीक्षा की जाती है।

पाकिस्तान ने अपनी तीसरी प्रगति रपट फरवरी, 2021 में प्रस्तुत की थी। उसकी समीक्षा अभी की जानी है।

भाषा मनोहर अजय

अजय


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