संसदीय समिति ने किसान पेंशन योजना के तहत कम सदस्यता को लेकर सरकार की खिंचाई की

संसदीय समिति ने किसान पेंशन योजना के तहत कम सदस्यता को लेकर सरकार की खिंचाई की

संसदीय समिति ने किसान पेंशन योजना के तहत कम सदस्यता को लेकर सरकार की खिंचाई की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:04 pm IST
Published Date: March 9, 2021 3:38 pm IST

नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना (पीएमकेएमवाई) के तहत बहुत कम नामांकन होने को लेकर सरकार की खिंचाई की है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर 3,000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान की जाती है।

यह योजना सितंबर, 2019 में शुरू की गई थी और इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2021-22 तक लगभग पांच करोड़ लाभार्थियों को योजना के दायरे में लाना था, जिसे बाद में संशोधित कर तीन करोड़ कर दिया गया।

पीएमकेएमवाई उन छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक पेंशन योजना है जिनके पास दो हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि है। 18-40 वर्ष की आयु के भीतर किसान इस योजना के तहत खुद को नामांकित करने के लिए पात्र हैं। इस योजना का उद्देश्य किसान को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद प्रतिमाह 3,000 रुपये की सुनिश्चित पेंशन प्रदान करना है।

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भाजपा सांसद पी सी गद्दीगौदर की अध्यक्षता वाले कृषि संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने लोकसभा में अपनी 24वीं रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति को सूचित किया गया है कि अब तक केवल 21,20,310 किसानों ने इस योजना की सदस्यता ली है।’’

समिति ने कहा कि पीएमकेएमवाई हमारे समाज के सबसे वंचित वर्ग को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना है। अगर इस योजना को ठीक से कार्यान्वित किया जाये, तो छोटे और सीमांत किसानों को मदद मिलेगी जो हमारे देश का बहुसंख्यक कृषक समुदाय है और वृद्धावस्था में वे एक सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकेंगे।

समिति ने कहा, ‘‘हालांकि, समिति, मौजूदा तारीख तक योजना के तहत नामांकन की बेहद कम संख्या से खुश नहीं है।’’ समिति ने मंत्रालय से कहा कि इस योजना में किसानों की कम सदस्यता होने के कारणों की पहचान की जाये और अगर जरूरी हो इस योजना को व्यापक रूप से बदला जाये ताकि इसे किसानों के लिए अधिक आकर्षक बनाया जा सके।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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