पीएफआरडीए के तहत पेंशन कोष की संपत्ति बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंची

पीएफआरडीए के तहत पेंशन कोष की संपत्ति बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंची

पीएफआरडीए के तहत पेंशन कोष की संपत्ति बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंची
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: May 26, 2021 3:08 pm IST

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने बुधवार को कहा कि पेंशन योजनाओं के तहत प्रबंधन अधीन संपत्ति (एयूएम) 6 लाख करोड़ रुपये को पार कर गयी है।

देश में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और पेंशन योजनाओं को बढ़ावा देने तथा सुव्यवस्थित वृद्धि सुनिश्चित करने के लिये संसद में पारित कानून के तहत पीएफआरडीए का गठन किया गया।

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आधिकारिक बयान के अनुसार एनपीएस और अटल पेंशन प्रणाली (एपीवाई) के तहत 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्रबंधन अधीन संपत्ति का स्तर पीएफआरडीए के अस्तित्व में आने के 13 साल बाद हासिल किया गया है।

बयान में कहा गया है कि एक लाख करोड़ रुपये का एयूएम पिछले केवल सात महीने में हासिल किया गया।

उल्लेखनीय है कि पेंशन कोष के तहत 5 लाख करोड़ रुपये की प्रबंधन अधीन संपत्ति अक्टूबर 2020 में हासिल कर ली गयी थी।

पिछले कुछ वर्षों में एनपीएस अंशधारकों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस योजना में 74.10 लाख सरकारी कर्मचारी और गैर-सरकारी क्षेत्र से 28.37 लाख व्यक्ति शामिल हुए हैं। पीएफआरडीए के कुल अंशधारकों की संख्या 4.28 करोड़ हो गयी है।

पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘इस उपलब्धि से पता चलता है कि एनपीएस और पीएफआरडीए को लेकर अंशधारकों में एक भरोसा है। इस महामारी के दौरान लोग सेवानिवृत्ति योजना की अहमियत को समझ रहे हैं और वित्तीय स्थिति बेहतर करने के लिये कदम उठा रहे हैं।’’

पीएफआरडीए के अनुसार 21 मई, 2021 की स्थिति के अनुसार एनपीएस और अटल पेंशन योजना के तहत कुल अंशधारकों की संख्या 4.28 करोड़ जबकि प्रबंधन अधीन संपत्ति 603,667.02 करोड़ रुपये पहुंच गयी।

एनपीएस को शुरू में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अधिसूचित किया गया था। यह एक जनवरी, 2004 से प्रभावी हुआ। बाद में लगभग सभी राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए इसे अपनाया।

उसके बाद, एनपीएस का दायरा बढ़ाते हुए उसमें स्वैच्छिक आधार पर सभी भारतीय नागरिकों (निवासी/अनिवासी/विदेशी) और कंपनियों को उनके कर्मचारियों के लिए योजना से जुड़ने की अनुमति दी गयी।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर


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