ओडिशा में रेशम के कीड़े की स्वदेशी प्रजाति के संरक्षण के लिए योजना तैयार

ओडिशा में रेशम के कीड़े की स्वदेशी प्रजाति के संरक्षण के लिए योजना तैयार

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  • Publish Date - August 7, 2022 / 06:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:38 PM IST

भुवनेश्वर, सात अगस्त (भाषा) टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड (टीएसएमएल) अपनी कॉरपोरेट सामाजिक सेवा दायित्व इकाई टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) के साथ मिलकर ओडिशा के जाजपुर जिले के सुकिंदा में रेशम के कीड़े की स्वदेशी प्रजाति ‘सुकिंदा इकोरेस’ के संरक्षण का काम करेगी।

केंद्रीय रेशम बोर्ड (सीएसबी), टीएसएमएल और टीएसएफ के वरिष्ठ सदस्यों एवं अन्य विशेषज्ञों ने शनिवार को आयोजित एक कार्यशाला में इस विषय पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में वैज्ञानिक और टसर किसान भी मौजूद थे। बेहतरीन रेशम का उत्पादन करने वाले सुकिंदा इकोरेस के संरक्षण के लिए एक रूपरेखा भी तैयार की गई।

सीएसबी, टीएसएफ और टीएसएमएल की सतत निगरानी में इस परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा और एक साल बाद इसका आकलन होगा।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए रांची स्थित केंद्रीय टसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ के सत्यनारायण ने कहा, ‘‘रेशम के कीड़े की स्वेदशी प्रजाति सुकिंदा इकोरेस का संरक्षण हमारी जैव विविधता की रक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है। इससे टसर उत्पादकता भी बढ़ेगी।’’

टाटा स्टील माइनिंग के प्रबंध निदेशक पंकज सतिजा ने कहा, ‘‘क्षेत्र की जैव-विविधता में योगदान देने के लिए सुकिंदा इकोरेस का संरक्षण करने में हम केंद्रीय रेशम बोर्ड को पूरा समर्थन देंगे और स्थानीय टसर किसानों को भी मदद देंगे।’’

ओडिशा में रेशम के कीड़ों की आठ प्रजातियां पाई जाती हैं।

भाषा मानसी प्रेम

प्रेम