प्रधानमंत्री का 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लिए साझा दृष्टिकोण तैयार करने का आह्वान

प्रधानमंत्री का 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लिए साझा दृष्टिकोण तैयार करने का आह्वान

प्रधानमंत्री का 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लिए साझा दृष्टिकोण तैयार करने का आह्वान
Modified Date: May 27, 2023 / 05:32 pm IST
Published Date: May 27, 2023 5:32 pm IST

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लिए साझा दृष्टिकोण तैयार करने को आह्वान किया। उन्होंने राज्यों से इस दिशा में कदम उठाने को कहा।

मोदी ने नीति आयोग की संचालन परिषद (जीसीएम) की आठवीं बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और केंद्रीय मंत्री मौजूद थे।

उन्होंने राज्यों से कहा कि नागरिकों के सपनों को पूरा करने वाले कार्यक्रम तैयार करने के लिए आर्थिक रूप से विवेकपूर्ण निर्णय किए जाएं।

 ⁠

नीति आयोग ने ट्विटर पर लिखा है, ”नीति आयोग संचालन परिषद की आठवीं बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब राज्य बढ़ते हैं, तो भारत बढ़ता है। उन्होंने 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए साझा दृष्टिकोण विकसित करने के महत्व पर जोर दिया।”

आयोग ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से वित्तीय रूप से विवेकपूर्ण निर्णय लेने का आग्रह किया, ताकि वे वित्तीय रूप से मजबूत बनें और नागरिकों के सपनों को पूरा करने वाले कार्यक्रमों को चला सकें।”

नीति आयोग संचालन परिषद की आठवीं बैठक में 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की। बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल के साथ ही उत्तर प्रदेश, असम, झारखंड तथा मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।

पश्चिम बंगाल, पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बैठक का बहिष्कार किया।

परिषद की पूर्ण बैठक हर साल होती है। पिछले साल मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक सात अगस्त को हुई थी।

परिषद की पहली बैठक आठ फरवरी, 2015 को हुई थी। कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में बैठक नहीं बुलायी गयी थी।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


लेखक के बारे में