PM SVANidhi Scheme: मोदी सरकार की नई स्कीम में मिलेगा क्रेडिट कार्ड, जानें लिमिट और पूरा प्लान
PM SVANidhi Scheme: मोदी सरकार की नई स्कीम में मिलेगा क्रेडिट कार्ड, जानें लिमिट और पूरा प्लान
CCS Meeting/Image Credit: IBC24 File
- स्ट्रीट वेंडर्स को मिलेगा 30,000 रुपये तक का UPI-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड।
- योजना में अब ग्रामीण वेंडर्स को भी शामिल किया जाएगा।
- लोन सीमा में 10,000 रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी की संभावना।
PM SVANidhi Scheme: कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को अब और अधिक सशक्त और तकनीक-समर्थ बनाजा जा रहा है। मोदी सरकार की इस योजना के तहत अब स्ट्रीट वेंडर्स यानी रेहड़ी-पटरी वालों को UPI लिंक्ड क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी दी जाएगी।
30 हजार रुपये की लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड
नई व्यवस्था के तहत पात्र स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों के जरिए 30,000 रुपये तक का क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, जो कि यूपीआई से जुड़ा होगा। इस प्रस्ताव की घोषणा पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2025 के आम बजट में की थी, जिसे अब लागू करने की तैयारी की जा रही है। जल्द ही इस संशोधित योजना को कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
किसे मिलेगा ये क्रेडिट कार्ड?
यह क्रेडिट कार्ड उन वेंडर्स को मिलेगा जिन्होंने पीएम स्वनिधि योजना के तहत मिलने वाले तीन चरणों के सब्सिडी वाले लोन 10,000 रुपये. 20,000 रुपये और 50,000 रुपये को समय पर चुका दिया है। कार्ड जारी करने से पहले क्रेडिट रेटिंग भी जांची जाएगी। वहीं, योजना को इस बार ग्रामीण क्षेत्रों के वेंडर्स तक भी विस्तार करने की भी बात कही जा रही है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो रोजगार के लिए शहरों की ओर रुख करते हैं।
लोन राशि में हो सकता है इजाफा
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस योजना के तहत लोन की रकम में अतिरिक्त 10,000 रुपये तकत का इजाफा भी कर सकती है। यानी पात्र वेंडर्स को आगे और ज्यादा वित्तीय सहायता मिल सकती है।
अब तक कितने लोगों को मिला फायदा?
पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान हुई थी। इसका उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स को उन महंगे, अनौपचारिक स्त्रोतों पर निर्भर होने से बचाना था, जहां ब्याज दरें काफी अधिक होती हैं। इस योजना के तहत सरकार 7% की ब्याज सब्सिडी देती है और प्रोसेसिंग फीस नहीं लगता है। इस योजना से अब तक 68 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स लाभान्वित हो चुके हैं और नए बदलावों से यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

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