विदेशों में भारी मंदी से अधिकांश खाद्य तेलों के भाव गिरे |

विदेशों में भारी मंदी से अधिकांश खाद्य तेलों के भाव गिरे

विदेशों में भारी मंदी से अधिकांश खाद्य तेलों के भाव गिरे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : September 28, 2022/5:59 pm IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में भारी मंदी के चलते स्थानीय बाजार में बुधवार को ज्यादातर तेल-तिलहनों के भाव गिरावट दर्शाते बंद हुए।

बाजार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में बुधवार को 8.25 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गयी। वहीं शिकॉगो एक्सचेंज भी दो प्रतिशत कमजोर है।

सूत्रों के अनुसार, विदेशी बाजारों में मंदी का असर स्थानीय तेल-तिलहन बाजार पर भी पड़ा है। वहीं तेल-तिलहन के भाव में गिरावट के बावजूद खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कोई उतार-चढ़ाव ना होने से उपभोक्ताओं और किसानों को कोई लाभ नहीं हो रहा है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक खाद्य तेलों में आई गिरावट का लाभ आम उपभोक्ताओं को दिलाने के लिए अब सरकार को कोई कारगर कदम उठाने होंगे क्योंकि इन खाद्य तेलों की कीमतों के टूटने के बावजूद इन तेलों के एमआरपी जस के तस बने हुए हैं।

सूत्रों ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले सोयाबीन के भाव लगभग आधे से कम रह गये हैं। खाद्य तेलों में भारी गिरावट के बावजूद तेल कंपनियों के एमआरपी ऊंचे बने हुए हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं भारी मंदी से तेल उद्योग, आयातक और छोटे सरसों तेल मिल वाले कंगाली के कगार पर आ गये हैं।

दूसरी ओर पामतेल की कीमतें चार-पांच माह पहले के 158 रुपये किलोग्राम से घटकर 77 रुपये रह गईं। इतनी गिरावट के बावजूद बाजार में इसकी कोई खास लिवाली नहीं है।

बाजारों में इस मंदी से लगभग सभी खाद्य तेलों के आयात में नुकसान हुआ है जिससे बैंकों के कर्ज का भुगतान करने के लिए आयातकों के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है।

सूत्रों ने कहा कि विदेशों में भाव टूटने के बाद सरकार को भी इन तेलों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कमी लाने के लिए कदम उठाने चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि किसानों और तेल उद्योग को विदेशी तेलों से नुकसान है। ऐसे में कम से कम वैश्विक कीमतों में आई कमी का लाभ उपभोक्ताओं को प्राप्त हो।

बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,650-6,680 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली -6,900-6,965 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,900 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,640-2,810 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,070-2,200 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,140-2,255 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,000-19,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,900 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,350 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 7,700 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,800 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,300 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,300 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,800-4,900 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 4,600-4,700 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा रिया अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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