Free Ration Update: फ्री राशन लेने वाले धारकों के लिए खुशखबरी! योजना को आगे बढ़ाने पर केंद्रीय मंत्री ने दी ये बड़ी जानकारी
Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana: कृषि राज्यमंत्री करंदलाजे ने कहा है कि ''कोविड-19 के मामले आ रहे हैं। यह योजना दिसंबर तक के लिए है। इसे आगे बढ़ाने के बारे में फैसला प्रधानमंत्री लेंगे।''
Prime Minister will take a decision on furthering the scheme of free ration to the poor
नई दिल्ली। Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर के बाद भी गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया कराने वाली पीएमजीकेएवाई योजना का विस्तार करने पर विचार करेंगे। सरकार के पास पर्याप्त खाद्यान्न भंडार होने की बात पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) का आगे विस्तार किया जाना है, तो यह निर्णय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री लेंगे फैसला
सितंबर में सरकार ने पीएमजीकेएवाई की समयसीमा को तीन महीने के यानी 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया था। कृषि राज्यमंत्री करंदलाजे ने संवाददाताओं से कहा, ”कोविड-19 के मामले आ रहे हैं। यह योजना दिसंबर तक के लिए है। इसे आगे बढ़ाने के बारे में फैसला प्रधानमंत्री लेंगे।” उन्होंने कहा कि पिछले 28 माह में सरकार ने पीएमजीकेएवाई योजना के तहत गरीबों को मुफ्त राशन वितरण पर 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त खाद्यान्न भंडार है।
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केंद्रीय पूल में करीब 180 लाख टन गेहूं उपलब्ध
मंत्री ने आगे कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और पीएमजीकेएवाई जैसी कल्याणकारी योजनाओं के लिए खाद्यान्न की खरीद को सुचारू रूप से चल रही है। यह धारणा सही नहीं है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में फसल पर सूखे और जलवायु परिवर्तन के कुछ प्रभाव के कारण ‘‘चावल और गेहूं के उत्पादन में गिरावट आने के आसार है। पिछले सप्ताह खाद्य मंत्रालय ने कहा था कि एक जनवरी, 2023 तक लगभग 159 लाख टन गेहूं और 104 लाख टन चावल उपलब्ध होगा, जबकि एक जनवरी को बफर मानदंड के हिसाब से 138 लाख टन गेहूं और 76 लाख टन चावल के स्टॉक की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर तक केंद्रीय पूल में करीब 180 लाख टन गेहूं और 111 लाख टन चावल उपलब्ध था।
अप्रैल 2020 में शुरू हुई थी योजना
बता दें कि पीएमजीकेएवाई की शुरुआत अप्रैल, 2020 में उन गरीबों की मदद के लिए की गई थी, जिनकी आजीविका का साधन कोरोवायरस के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से देशव्यापी लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुआ था। इस योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल मुफ्त दिया जाता है। करंदलाजे ने पीडीएस को आधुनिक तकनीक के साथ उन्नत बनाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया ताकि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे किसानों से खरीदे गए अनाज के समर्थन मूल्य का भुगतान करने के साथ ही पीडीएस खाद्यान्न की बर्बादी और गड़बड़ियों को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के पहले अब नए सिरे से मोटे अनाज के उत्पादन और निर्यात को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

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