उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर होगी गेहूं की खरीद | Procurement of wheat in Uttar Pradesh at MSP from April 1

उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर होगी गेहूं की खरीद

उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर होगी गेहूं की खरीद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : March 9, 2021/1:49 pm IST

लखनऊ, नौ मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार रबी विपणन वर्ष 2021-22 में न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य योजना (एमएसपी) के तहत किसानों से एक अप्रैल से 15 जून तक सीधे गेहूं की खरीद करेगी। यह खरीद गेहूं के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 1,975 रुपये प्रति क्विंटल पर होगी।

एक सरकारी बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। उत्तर प्रदेश के खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्‍य 1,975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है जिसकी शुरुआत कर दी गई है। किसान स्वयं अथवा साइबर कैफे व जन-सुविधा केन्द्र के माध्यम से पंजीकरण करा सकते है।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष खाद्य विभाग व अन्य क्रय एजेंसियों समेत कुल 6,000 क्रय केन्द्र प्रस्तावित हैं, जहां किसानों से गेहूं की खरीद होगी। क्रय केन्द्र प्रातः नौ बजे से सायं छह बजे तक संचालित रहेंगे।

खाद्य आयुक्त ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए इस वर्ष ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था की गयी है, जिसके अन्तर्गत किसान अपनी सुविधा के अनुसार क्रय केंद्र पर गेहूं की बिक्री हेतु स्वयं टोकन प्राप्त कर सकेगें। उन्होंने बताया कि क्रय केन्द्रों की रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से जियो टैगिंग की जा रही है जिसके माध्यम से किसानों को क्रय केन्द्र की लोकेशन व पते की जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी।

चौहान ने बताया कि पारदर्शी खरीद के उद्देश्य से इस वर्ष गेहूं की खरीद ‘इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज’ के माध्यम से की जाएगी और इसके अंतर्गत किसानों का अंगूठा लगाकर आधार प्रमाणीकरण करते हुए खरीद की जायेगी। किसानों की सुविधा के लिए इस वर्ष नामिती की भी व्यवस्था की गयी है। यदि कोई किसान क्रय केंद्र पर स्वयं आने में असमर्थ है तो वह अपने परिवार के सदस्य को नामित कर सकता है। नामित सदस्य का उल्लेख पंजीकरण प्रपत्र में किया जाना होगा। इस नामित सदस्य का भी आधार प्रमाणीकरण कराया जायेगा।

उन्होंने बताया कि किसान का गेहूं यदि केंद्र प्रभारी द्वारा अस्वीकृत कर दिया जाता है तो तहसील स्तर पर कार्यरत क्षेत्रीय विपणन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष किसान अपील कर सकता है। उन्होंने बताया कि 100 क्विंटल से अधिक गेहूं की मात्रा होने पर, चकबन्दी अन्तर्गत गाँव तथा बटाईदारों का सत्यापन उप-जिलाधिकारी द्वारा किया जायेगा। यदि किसान द्वारा सीलिंग एक्ट द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक भूमि पर गेहूं की उपज की बिक्री हेतु पंजीकरण किया जाता है तो इसका सत्यापन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी।

भाषा आनन्द

रंजन महाबीर

महाबीर

 

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