इरादतन कर्ज नहीं चुकाने वालों के लिए नियमों में बदलाव का प्रस्ताव

इरादतन कर्ज नहीं चुकाने वालों के लिए नियमों में बदलाव का प्रस्ताव

इरादतन कर्ज नहीं चुकाने वालों के लिए नियमों में बदलाव का प्रस्ताव
Modified Date: September 21, 2023 / 06:42 pm IST
Published Date: September 21, 2023 6:42 pm IST

मुंबई, 21 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों को लेकर नियमों में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव किया है।

इसमें जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों की परिभाषा भी तय की गयी है। इस श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है, जिनके ऊपर 25 लाख रुपये या उससे अधिक का कर्ज है तथा भुगतान क्षमता होने के बावजूद उन्होंने उसे लौटाने से इनकार कर दिया।

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आरबीआई ने नये दिशानिर्देश के मसौदे पर संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मांगी हैं। इसमें अन्य बातों के अलावा कर्जदाताओं के लिये दायरे का विस्तार करने का प्रस्ताव है। वे कर्ज लेने वालों को जानबूझकर बकाया राशि नहीं लौटाने वाले की श्रेणी में वर्गीकृत कर सकते हैं और पहचान प्रक्रिया को बेहतर कर सकते हैं।

प्रस्ताव के तहत जानबूझकर चूक करने वाले ऋण सुविधा के पुनर्गठन के पात्र नहीं होंगे। साथ ही वे किसी अन्य कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल नहीं हो सकते हैं।

दिशानिर्देशों के मसौदे में कहा गया है, ‘‘जहां भी आवश्यक हो, कर्जदाता बकाया राशि की तेजी से वसूली के लिये उधार लेने वाले / गारंटी देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेगा।’’

इसमें कहा गया है कि कर्जदाता किसी खाते को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के रूप में रखे जाने के छह महीने के भीतर जानबूझकर चूक करने वालों से संबंधित पहलुओं की समीक्षा करेगा और उसे अंतिम रूप देगा।

रिजर्व बैंक ने दिशानिर्देशों के मसौदे पर संबंधित पक्षों से 31 अक्टूबर तक सुझाव देने को कहा गया है।

भाषा रमण अजय

अजय


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