रेटिंग में सुधार, उच्च वृद्धि दर से साबित होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था ‘मृत’ नहीं: सीतारमण

रेटिंग में सुधार, उच्च वृद्धि दर से साबित होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था ‘मृत’ नहीं: सीतारमण

रेटिंग में सुधार, उच्च वृद्धि दर से साबित होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था ‘मृत’ नहीं: सीतारमण
Modified Date: December 15, 2025 / 10:14 pm IST
Published Date: December 15, 2025 10:14 pm IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश की 8.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि और रेटिंग में सुधार का हवाला देते हुए कहा कि अगर भारत एक ‘मृत अर्थव्यवस्था’ होता तो ऐसे संभव नहीं होता।

लोकसभा में विपक्षी सदस्यों द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ कहने वाले बयान पर सरकार की प्रतिक्रिया मांगे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जिसने सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ”बाहरी कमजोरियों से बाहरी मजबूती” की ओर बढ़ी है।

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सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में कहा, ”हर संस्था इस साल और आने वाले साल के लिए हमारी वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ा रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से भारत की वृद्धि को मान्यता देने की स्पष्ट बातें सामने आई हैं। कोई भी मृत अर्थव्यवस्था डीबीआरएस, एसएंडपी और आरएंडआई जैसी एजेंसियों से क्रेडिट रेटिंग में सुधार हासिल नहीं कर सकती।”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में रूस से तेल खरीद जारी रखने को लेकर नयी दिल्ली के रुख पर निराशा जताते हुए भारत को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ कहा था।

वित्त मंत्री ने वैश्विक एजेंसियों के आंकड़ों और रेटिंग सुधार का हवाला देते हुए इस टिप्पणी को खारिज किया। उन्होंने कहा, ”आज अर्थव्यवस्था कमजोरी से मजबूती की ओर बढ़ चुकी है।”

सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों से कहा, ”किसी के कुछ कह देने पर, चाहे वह व्यक्ति कितना ही महत्वपूर्ण क्यों न हो, हमें उसे आंख बंद करके मानना नहीं चाहिए। हमें देश के भीतर उपलब्ध आंकड़ों और बाहर से आने वाले आंकड़ों पर भरोसा करना चाहिए। आंकड़ों पर भरोसा कीजिए।”

उन्होंने कहा, ”क्या कोई मृत अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है? क्या किसी मृत अर्थव्यवस्था की क्रेडिट रेटिंग में सुधार हो सकता है?”

भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया, जो पहले 6.8 प्रतिशत था। भारत ने सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत और जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारत के राष्ट्रीय खातों, जिनमें जीडीपी और सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के आंकड़े शामिल हैं, को ‘सी’ ग्रेड दिए जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की समग्र रेटिंग मध्य स्तर की ‘बी’ ही बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि आईएमएफ ने आधार वर्ष पुराना होने की बात कही है और इसे संशोधित करने की जरूरत बताई है।

सीतारमण ने कहा, ”’यह कहना कि आईएमएफ ने भारत की रेटिंग घटाई है, सदन को गुमराह करना है। इस साल आईएमएफ ने समग्र सांख्यिकी के लिए भारत को ‘बी’ ग्रेड दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के बावजूद भारत लगातार चौथे साल दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड के बाद भारत का कर्ज-जीडीपी अनुपात बढ़कर 61.4 प्रतिशत हो गया था, लेकिन केंद्र सरकार इसे 2023-24 तक घटाकर 57.1 प्रतिशत पर लाने में कामयाब रही।

उन्होंने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा और घटकर 56.1 प्रतिशत रह जाएगा।”

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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