आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया, रेपो चार प्रतिशत पर बरकरार

आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया, रेपो चार प्रतिशत पर बरकरार

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 PM IST
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Published Date: February 10, 2022 11:35 am IST
आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया, रेपो चार प्रतिशत पर बरकरार

मुंबई, 10 फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा।

साथ ही आरबीआई ने मुद्रास्फीति की ऊंची दर के बीच नीतिगत मामले में उदार रुख को बरकरार रखा। यानी हाल-फिलहाल नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना नहीं है।

यह लगातार 10वां मौका है जब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले 22 मई, 2020 को मांग को गति देने के इरादे से रेपो दर में कमी कर इसे रिकार्ड निचले स्तर पर लाया गया था।

एक फरवरी को पेश 2022-23 के बजट के बाद एमपीसी की यह पहली बैठक थी।

आरबीआई गवर्नर ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा है।’’

रेपो दर वह दर है जिसपर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये कर्ज देता है। जबकि रिवर्स रेपो दर के तहत बैंकों को अपना पैसा आरबीआई को देने पर ब्याज मिलता है।

दास ने कहा, ‘‘समिति ने आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में रखने को लेकर नीतिगत दर के मामले में जबतक जरूरी हो उदार रुख बनाये रखने का भी निर्णय किया है।’’

केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत और मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

आर्थिक वृद्धि परिदृश्य के बारे में दास ने कहा कि वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022-23 में 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

मुख्य रूप से खाने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर महीने में बढ़कर पांच महीने के उच्च स्तर 5.59 प्रतिशत हो गयी जो नवंबर में 4.91 प्रतिशत थी।

उन्होंने कहा कि मानसून सामान्य रहने के अनुमान के साथ खुदरा महंगाई दर 2022-23 में 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।

एमपीसी को सालाना महंगाई दर दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिश पर कायम रखने की जिम्मेदारी दी गयी है।

एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक आठ फरवरी को शरू हुई थी।

उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और देश तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।

एमपीसी की अगली बैठक 6-8 अप्रैल, 2022 को होगी।

भाषा रमन पाण्डेय

पाण्डेय रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)