मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाये रख सकता है रिजर्व बैंक: विश्लेषक | Rbi may maintain status quo in monetary policy review: Analyst

मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाये रख सकता है रिजर्व बैंक: विश्लेषक

मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाये रख सकता है रिजर्व बैंक: विश्लेषक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : April 5, 2021/2:20 pm IST

मुंबई, पांच अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक बुधवार को घोषित की जाने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को मौजूदा स्तर पर बरकरार रखते हुए नरम रुख बनाये रख सकता है। विश्लेषकों ने सोमवार को यह बात कही।

उनका कहना है कि मुद्रास्फीति बढ़ने, सरकार के महंगाई लक्ष्य के दायरे को पूर्ववत बनाये रखने (दो प्रतिशत घटबढ के साथ चार प्रतिशत पर) तथा कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति के मामले में नरम रुख अपनाते हुये यथास्थिति बनाये रख सकता है।

अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने कहा कि केंद्रीय बैंक के लिये आने वाले समय में कीमत स्थिरता, वृद्धि और वित्तीय स्थिरता पर जोर होगा। ‘‘आरबीआई एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) बुधवार को एक बार फिर से नीतिगत दर को यथावत रखते हुए नरम रुख बनाये रख सकती है।’’

यह मौद्रिक नीति समीक्षा नये वित्त वर्ष की पहली समीक्षा है। साथ ही यह समीक्षा ऐसे समय पेश की जाएगी जब सरकार ने पिछले सप्ताह ही आरबीआई के लिये अगले पांच साल के लिये खुदरा मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर बनाये रखने के लक्ष्य को बरकरार रखा।

इसके अलावा तीन महीने की नरमी के बाद महंगाई दर 5 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गयी है तथा महाराष्ट्र समेत देश के कई भागों में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों से निपटने के लिये ‘आंशिक’ रूप से ‘लॉकडाउन’ लगाया जाने लगा है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने सोमवार को विचार-विमर्श शुरू किया और समिति बुधवार को समीक्षा पेश करेगी।

ब्रिकवर्क्स रेटिंग्स ने एक बयान में कहा, ‘‘कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों तथा इसको फैलने से रोकने के लिये देश के बड़े भागों में नये सिरे से पाबंदियों को देखते हुए आरबीआई बुधवार को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नरम रुख बनाये रख सकता है।’’

रेटिंग एजेंसी के अनुसार केंद्रीय बैंक नीतिगत दर के मामले में यथास्थिति बनाये रख सकता है।

केयर रेटिंग्स ने कहा कि मौद्रिक नीति समीक्षा में आर्थिक वृद्धि को गति देने और मुद्रास्फीति को थामने के उपायों पर नजर होगी। साथ ही इस बात पर भी निगाह होगी कि आरबीआई सरकार के बड़े उधारी कार्यक्रम के प्रबंधन के लिये क्या प्रस्ताव करता है।

उसने कहा कि हाल में बांड प्रतिफल में वृद्धि से सरकार और कंपनियों के लिये कोष की लागत बढ़ी है। इससे सरकार के नियोजित उधारी कार्यक्रम तथा कंपनियों के लिये कोष जुटाने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर

 

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