Digital Payment Systems

Digital Payment Systems : नए साल से बदलने वाला है लेनदेन पर शुल्‍क वसूलने का तरीका! RBI कर रहा ये तैयारी

Digital Payment Systems : आरबीआई का कहना है कि वह देश को एक ऐसा उन्नत पेमेंट सिस्टम देना चाहता है जो न केवल सुरक्षित हो बल्कि आसान और अफोर्डेबल भी हो।

Edited By :   Modified Date:  December 28, 2022 / 03:47 PM IST, Published Date : December 28, 2022/3:47 pm IST

नई दिल्ली। Digital Payment Systems : भारतीय रिजर्व बैंक ने अलग-अलग पेमेंट सिस्टम द्वारा ग्राहकों से लिए जा रहे शुल्कों से संबंधित फ्रेमवर्क को सरल बनाने की योजना बना रहा है। आरबीआई का कहना है कि वह देश को एक ऐसा उन्नत पेमेंट सिस्टम देना चाहता है जो न केवल सुरक्षित हो बल्कि आसान और अफोर्डेबल भी हो। इसी संबंध में आरबीआई ने अगस्त में एक डिस्कशन पेपर जारी किया था जिसमें शुल्क से जुड़े मौजूदा नियमों के बारे में बताया गया था। इसके साथ ही इसमें नए विकल्प भी सुझाए गए थे जिनके जरिए ये शुल्क लिए जा सकते हैं।

फ्रेमवर्क को सरल बनाएगा केंद्रीय बैंक

हितधारकों से मिली प्रतिक्रियाओं के बाद केंद्रीय बैंक ने कहा था कि वह इस संबंध में नीतियां बनाकर शुल्क के लिए फ्रेमवर्क को सरल बनाएगा। आरबीआई का कहना है कि एक सक्षम पेमेंट सिस्टम के लिए जरूरी है कि वह उपभोक्ता के लिए सबसे बेहतर शुल्क और ऑपरेटर के लिए बेस्ट रिटर्न सुनिश्चित करे। गौरतलब है कि अभी डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, यूपीआई, ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम व प्रीपेड इस्ट्रूमेंट्स के शुल्क अलग-अलग होते हैं।

डेबिट, क्रेडिट कार्ड पर शुल्क

डेबिट कार्ड पर अमूमन एक तरह का ही चार्ज होता है। जब आप किसी मर्चेंट के पास उसे स्वाइप करते हैं तो कन्विनिएंस फीस लगती है। ये अलग-अलग बैंकों के हिसाब से अलग-अलग होती है। साथ ही एटीएम पर आप कुल 8 बार बिना किसी शुल्क के पैसे निकाल सकते हैं। 5 बार अपने बैंक के एटीएम से और 3 बार दूसरे बैंक के एटीएम से। इसके बाद हर कैश ट्रांजेक्शन पर 20 रुपये और नॉन-कैश ट्रांजेक्शन पर 8.5 रुपये लगते हैं। क्रेडिट कार्ड पर 3 तरह के शुल्क लगते हैं। एक सालाना फीस, रिन्यूएल फीस और कन्विनिएंस फीस। हालांकि, कई बैंक बगैर किसी एनुअल और रिन्यूएल फीस के भी क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं।

यूपीआई पेमेंट के श्रेणीबद्ध चार्जेस

RBI इस पर विचार कर रहा है कि यूपीआई से की गई पेमेंट के श्रेणीबद्ध चार्जेस लगाए जाएं, यानी अलग-अलग अमाउंट के ट्रांजेक्शन पर अलग-अलग चार्ज लिया जाए। हालांकि, सरकार ने इसके खिलाफ तुरंत अपनी आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि ये यूपीआई पर शुल्क लगाने का सही समय नहीं है। सरकार ने कहा कि जो भी ऑपरेटर कॉस्ट रिकवरी को लेकर परेशान हैं उन्हें इसकी भरपाई के लिए दूसरे तरीके ढूंढने होंगे। इसलिए फिलहाल UPI से लेनदेन पर कोई चार्ज नहीं है।

पेमेंट्स बैंक

ये पारपंरिक बैंकों से अलग होते हैं और सीमित सेवाएं ही ऑफर करते हैं। यहां अकाउंट खोलने या पैसा डालने पर कोई शुल्क नहीं लगता है। हालांकि, जब आप पैसा निकालते हैं तो आपसे कुल अमाउंट का 0.65 फीसदी वसूला जाता है।

मोबाइल वॉलेट

अगर आप पैसा इसमें डालते हैं या किसी को भेजते हैं तो कोई चार्ज नहीं लगता है, वहीं बैंक में पैसा भेजने पर आपको कुछ शुल्क देना होता है। पेटीएम इसके लिए फ्लैट 4 फीसदी चार्ज करता है। मोबिक्विक इसके लिए 2.95 फीसदी शुल्क लेता है।

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