आरबीआई ने मुद्रास्फीति का लक्ष्य चार प्रतिशत रखे जाने पर सार्वजनिक राय मांगी

आरबीआई ने मुद्रास्फीति का लक्ष्य चार प्रतिशत रखे जाने पर सार्वजनिक राय मांगी

आरबीआई ने मुद्रास्फीति का लक्ष्य चार प्रतिशत रखे जाने पर सार्वजनिक राय मांगी
Modified Date: August 21, 2025 / 09:43 pm IST
Published Date: August 21, 2025 9:43 pm IST

मुंबई, 21 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को आम लोगों से इस बारे में राय मांगी कि मौद्रिक नीति के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का चार प्रतिशत का लक्ष्य ही उपयुक्त रहेगा या बदलते वैश्विक-घरेलू परिदृश्य में नये मानदंड तय करने की जरूरत है।

आरबीआई ने एक चर्चा पत्र जारी कर चार प्रमुख सवालों पर राय मांगी है। इसमें प्रमुख सवाल यह है कि मौद्रिक नीति का मार्गदर्शन मुख्य मुद्रास्फीति से होना चाहिए या सकल मुद्रास्फीति से।

इसके अलावा आरबीआई जानना चाहता है कि चार प्रतिशत का लक्ष्य अब भी वृद्धि और स्थिरता में संतुलन बनाने के लिए उपयुक्त है या नहीं।

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इसके साथ लक्ष्य के प्रति दो प्रतिशत घट-बढ़ वाली संतोषजनक स्थिति का दायरा बदले जाने और निर्धारित लक्ष्य हटाकर सिर्फ एक दायरा ही रखे जाने पर लोगों से राय मांगी गई है।

इस पर आरबीआई ने विभिन्न पक्षों से 18 सितंबर तक सुझाव आमंत्रित किए हैं।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों को मुख्य रूप से ध्यान में रखते हुए अपनी मौद्रिक नीति को तय करती है।

भारत ने वर्ष 2016 में सरकार और आरबीआई के बीच मौद्रिक नीति रूपरेखा समझौते के बाद लचीली मुद्रास्फीति लक्ष्य प्रणाली अपनाई थी। इसके तहत उपभोक्ता रा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया गया, जिसमें दो प्रतिशत घट-बढ़ की छूट दी गई थी। यह मौजूदा व्यवस्था 2026 तक लागू है।

आरबीआई ने कहा कि पिछले नौ वर्षों के अनुभव में शुरुआती तीन और हाल के तीन साल निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप ही रहे। लेकिन बीच के वर्षों में कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे झटकों के कारण मुद्रास्फीति ऊपरी दायरे के करीब रही।

चर्चा पत्र में कहा गया, ‘‘अब तक का अनुभव व्यापक रूप से सकारात्मक रहा है। वर्ष 2016 से 2019 तक औसत मुद्रास्फीति करीब चार प्रतिशत पर स्थिर रही। मौजूदा ढांचे में निहित लचीलापन भविष्य में बेहतर नीतिगत परिणाम लाने में सहायक हो सकता है।’’

मुद्रास्फीति लक्ष्य प्रणाली के इस साल 35 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसे सबसे पहले 1990 में न्यूजीलैंड ने अपनाया था और तब से यह विश्वस्तर पर सबसे अधिक मान्य मौद्रिक नीति ढांचा बन चुका है।

भाषा प्रेम

अजय प्रेम

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