मुंबई, 23 मई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लाभांश देने की घोषणा की, जो 2023-24 के लाभांश भुगतान से 27.4 प्रतिशत अधिक है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये का लाभांश हस्तांतरित किया था। इसके पहले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भुगतान वितरण 87,416 करोड़ रुपये रहा था।
आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की यहां आयोजित 616वीं बैठक में सरकार को रिकॉर्ड लाभांश भुगतान करने का निर्णय लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की समीक्षा की, जिसमें परिदृश्य से जुड़े जोखिम भी शामिल हैं।
इस दौरान निदेशक मंडल ने अप्रैल 2024 -मार्च 2025 के दौरान रिजर्व बैंक के कामकाज पर भी चर्चा की और वर्ष 2024-25 के लिए रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और वित्तीय विवरणों को मंजूरी दी।
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘केंद्रीय निदेशक मंडल ने लेखा वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 2,68,590.07 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी।’
आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए हस्तांतरित की जाने वाली अधिशेष राशि का निर्धारण संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के आधार पर किया गया है। केंद्रीय बोर्ड ने 15 मई, 2025 को हुई बैठक में संशोधित ईसीएफ को मंजूरी दी थी।
संशोधित ढांचे में प्रावधान है कि आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) के तहत जोखिम प्रावधान को आरबीआई के बही-खाते के 7.50 से 4.50 प्रतिशत की सीमा के भीतर बनाए रखा जाना चाहिए।
आरबीआई ने कहा कि संशोधित ईसीएफ के आधार पर और वृहद-आर्थिक आकलन को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय निदेशक मंडल ने आकस्मिक जोखिम बफर को और बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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