रेलिगेयर एंटरप्राइजेज ने आरएफएल के खाते को ‘धोखाधड़ी’ घोषित करने के फैसले को चुनौती दी

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज ने आरएफएल के खाते को ‘धोखाधड़ी’ घोषित करने के फैसले को चुनौती दी

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज ने आरएफएल के खाते को ‘धोखाधड़ी’ घोषित करने के फैसले को चुनौती दी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: February 15, 2022 10:16 pm IST

नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) वित्तीय सेवा कंपनी रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) ने कर्ज के बोझ से दबी अपनी अनुषंगी रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड ( आरएफएल) के खाते को ‘धोखाधड़ी’ घोषित करने के ऋणदाताओं के निर्णय को चुनौती दी है।

आरएफएल एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है। कमजोर वित्तीय सेहत की वजह से रिजर्व बैंक की त्वरित कार्रवाई योजना के तहत कंपनी पर जनवरी, 2018 से नया कारोबार लेने पर रोक लगी हुई है।

आरईएल ने एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक ने 11 फरवरी को पत्र भेजकर सूचित किया है कि उसके प्रवर्तक के रूप में बने रहने से आरएफएल के पुनर्गठन का क्रियान्वयन नहीं हो सकता है, क्योंकि बैंकों ने उसे ‘धोखाधड़ी’ वाला खाता घोषित कर दिया है।

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हालांकि, आरईएल की चेयरपर्सन रश्मि सलूजा ने कहा कि आरएफएल खुद अपने पूर्ववर्ती प्रवर्तकों तथा प्रबंधन की धांधली की वजह से धोखाधड़ी का शिकार बनी है। उन्होंने कहा कि आरएफएल को ‘धोखाधड़ी’ के खाते के रूप में वर्गीकृत करने की पूरी प्रक्रिया को चुनौती दी गई है। कंपनी को कर्ज देने वाले 18 ऋणदाताओं के गठजोड़ में भारतीय स्टेट बैंक मुख्य बैंक है।

भाशा अजय अजय प्रेम

प्रेम


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