खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में चरम पर, 2021 में उधारी दरों में कटौती की उम्मीद नहीं: रिपोर्ट
खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में चरम पर, 2021 में उधारी दरों में कटौती की उम्मीद नहीं: रिपोर्ट
मुंबई, 18 दिसंबर (भाषा) जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने शुक्रवार को कहा कि भारत में खुदरा मुद्रास्फीति चरम पर पहुंच चुकी है, लेकिन अनुमान है कि इसमें अभी इतनी ज्यादा कमी नहीं होगी कि भारतीय रिजर्व बैंक 2021 में दरों में कोई कटौती कर सके।
नोमुरा ने कहा कि मध्यावधि में इस बात की आशंका अधिक है कि महंगाई एक बार फिर बढ़ेगी और इसके चलते आरबीआई को 2022 में दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला करना पड़ सकता है।
वृद्धि दर में कमी के बावजूद महंगाई बढ़ने के चलते आरबीआई के पास ब्याज दरों में कटौती की ज्यादा गुंजाइश नहीं थी।
ब्रोकरेज फर्म ने अक्टूबर में महंगाई के 7.6 प्रतिशत के उच्चतम स्तर की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘निकट अवधि में, हम आशावाद की वजह देखते हैं। हमारा मानना है कि पूरे 2020 में तेज बने रहने के बाद अब उपभोक्ता कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) चरम पर पहुंच चुकी है।’’
नोमुरा ने कहा कि आपूर्ति पक्ष में सुधार और आधार प्रभाव के कारण मुद्रास्फीति 2021 में 4.5-5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है, जो 2020 में 6.7 प्रतिशत थी।
भाषा पाण्डेय मनोहर
मनोहर

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