राजस्व अधिकारी नागरिकों का विश्वास बढ़ाने की दिशा में काम जारी रखेंः राष्ट्रपति

राजस्व अधिकारी नागरिकों का विश्वास बढ़ाने की दिशा में काम जारी रखेंः राष्ट्रपति

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  • Publish Date - March 8, 2024 / 10:07 PM IST,
    Updated On - March 8, 2024 / 10:07 PM IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के नवनियुक्त अधिकारियों से नागरिकों के बीच विश्वास बढ़ाने की दिशा में काम जारी रखने को कहा ताकि लोग बेहतर ढंग से कर अनुपालन करें।

राष्ट्रपति ने यहां राष्ट्रपति भवन में आईआरएस के 77वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात के दौरान कहा कि कर संग्रह के तरीके करदाताओं के अनुकूल होना भी महत्वपूर्ण है।

मुर्मू ने नवनियुक्त राजस्व अधिकारियों से कर आधार बढ़ाने और काले धन के खतरे को खत्म करने को लेकर सूचना एकत्र करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का सबसे अच्छा इस्तेमाल करने को कहा।

उन्होंने कहा कि कर अधिकारी अब कर प्रशासन में सुधार, कर चोरी को कम करने और करदाता अनुपालन को सुविधाजनक बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और उन्नत विश्लेषण जैसी नई प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि आयकर विभाग कर आधार बढ़ाने और काले धन का खतरा दूर करने के उद्देश्य से सूचना जुटाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहा है। इसलिए, आप में से प्रत्येक के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का सर्वोत्तम उपयोग जरूरी है।’

उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में प्रत्यक्ष कर संग्रह तीन गुना से अधिक बढ़ गया है और आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों की संख्या लगभग ढाई गुना हो गई है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘इन संग्रहों से प्राप्त राजस्व देश में विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण और नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में देश के विकास में आपका योगदान बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है।’

मुर्मू ने कहा कि नागरिक केंद्रित कर सेवाएं कर प्रशासन में लोगों का विश्वास बढ़ाती हैं। उन्होंने लोगों की मानसिकता को बदलने की दिशा में आयकर विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विश्वास बढ़ाने की दिशा में काम करना जारी रखें।

उन्होंने राजस्व अधिकारियों से कर कानूनों के अनुपालन को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने कर्तव्यों पर दृढ़ रहने और कर चोरी पर लगाम लगाने में योगदान देने को कहा।

इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि आईआरएस के मौजूदा बैच में महिला अधिकारियों की मौजूदगी लगभग 38 प्रतिशत है और वह ‘भविष्य के बैचों में अधिक संख्या में महिला अधिकारियों को देखना चाहेंगी।’

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण