नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) रूस के सबसे बड़े बैंक ‘स्बेरबैंक’ ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारत में अपने कारोबार का धीरे-धीरे विस्तार करने की योजना बना रहा है और अगले तीन वर्ष में यहां करीब 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा।
‘स्बेरबैंक’ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं चेयरमैन हरमन ग्रेफ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे पास यहां पूर्ण बैंकिंग लाइसेंस है। हम अगले तीन वर्ष में चरणबद्ध तरीके से अपने कारोबार का विस्तार करेंगे। हम बी2बी कारोबार को बढ़ाएंगे और बी2सी (व्यवसाय से उपभोक्ता) खंड में प्रवेश करेंगे।’’
वर्ष 2010 में अपना परिचालन शुरू करने वाले इस बैंक ने आरबीआई से 10 शहरों में 10 शाखाएं खोलने के लिए लाइसेंस मांगा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारत के केंद्रीय बैंक से कार्यालय खोलने के लिए 10 शाखा लाइसेंस देने का अनुरोध किया है।’’
वर्तमान में इसकी दो शाखाएं हैं। बेंगलुरु में एक आईटी इकाई है जो आंतरिक डेटा प्रसंस्करण केंद्र के रूप में कार्य करती है।
उन्होंने कहा कि बैंक मॉस्को से एक आईटी प्रणाली लाएगा और देश के विशिष्ट नियमों के अनुसार समायोजन करेगा। इसके अलावा बैंक उच्च प्रौद्योगिकी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा में नई प्रौद्योगिकी लाने के लिए सही साझेदारों की भी तलाश करेगा। साथ ही हैदराबाद में एक ‘इन-हाउस डाटा प्रसंस्करण केंद्र’ स्थापित करने की भी योजना है।
देश में समूह 900 कर्मचारियों को रोजगार देता है जिसमें आने वाले वर्ष में वृद्धि देखी जाएगी।
ग्रेफ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा पर हैं। पुतिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली पहुंचे। चार वर्षों में यह उनकी पहली भारत यात्रा है।
ग्रेफ ने अगले तीन वर्ष में निवेश के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह विभिन्न क्षेत्रों में करीब 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर का होगा जिसमें एक डेटा प्रसंस्करण केंद्र एवं एक बड़ा कार्यालय भवन भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि रूसी खुदरा एवं संस्थागत ग्राहक सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं। कंपनी भारत से सोने के आयात के वित्तपोषण के लिए एक उत्पाद की भी योजना बना रही है।
रुपया-रूबल व्यापार के बारे में ग्रेफ ने कहा कि इसमें लगभग 14 गुना वृद्धि हुई है तथा ‘टर्नअराउंड’ समय में भी उल्लेखनीय कमी आई है क्योंकि प्रणाली प्रत्येक गुजरते दिन के साथ बेहतर होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने का यह सही समय है क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था चीन की तुलना में काफी तेजी से बढ़ रही है और साथ ही यह टिकाऊ भी है।
भाषा निहारिका प्रेम
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