एसबीआई का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 80 प्रतिशत उछलकर 6451 करोड़ रुपये रहा

एसबीआई का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 80 प्रतिशत उछलकर 6451 करोड़ रुपये रहा

एसबीआई का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 80 प्रतिशत उछलकर 6451 करोड़ रुपये रहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 pm IST
Published Date: May 21, 2021 4:19 pm IST

मुंबई, 21 मई (भाषा) देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई का एकल आधार पर शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में 80 प्रतिशत उछलकर 6,450.75 करोड़ रुपये पहुंच गया। मुख्य रूप से फंसे कर्जों (एनपीए) के लिए प्रावधान में अच्छी खासी कमी आने से उसका मुनाफा बढ़ा।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शेयर बाजार को बताया कि 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान उसका लाभ 3,580.81 करोड़ रुपये था।

बैंक का पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान एकल शुद्ध लाभ 41 प्रतिशत बढ़कर 20,410.17 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 14,488.11 करोड़ रुपये था।

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एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने लाभ और परिसंपत्ति गुणवत्ता दोनों के मामले में पिछली तिमाही (2020-21 की चौथी तिमाही) में अपने प्रदर्शन को और मजबूत किया है। हम महामारी के कारण हुए व्यवधानों के बावजूद लाभ के संदर्भ में सभी क्षेत्रों में लगातार सुधार करने में सक्षम रहे हैं।’’

बैंक ने कहा कि बीते वित्त वर्ष की मार्च तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 81,326.96 करोड़ रुपये हो गई, जो 2019-20 की समान अवधि में 76,027.51 करोड़ रुपये थी।

समेकित आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 60 प्रतिशत बढ़कर 7,270.25 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,557.49 करोड़ रुपये था।

बैंक का कुल एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) 31 मार्च 2021 को कुल अग्रिमों के मुकाबले 4.98 प्रतिशत था, जबकि 2020 की समान अवधि में यह 6.15 प्रतिशत था।

खारा ने कहा, ‘‘हमारा सकल एनपीए अनुपात 5 प्रतिशत से नीचे आ गया है जो पांच साल में सबसे कम है। आने वाले समय में हमें संपत्ति गुणवत्ता के मामले में कोई चिंता नहीं दिखती। हमें यह प्रवृत्ति बने रहने की उम्मीद है।’’

इसी तरह शुद्ध एनपीए भी 31 मार्च 2021 को घटकर 1.50 प्रतिशत रह गया, जो इससे एक साल पहले की अवधि में 2.23 प्रतिशत था। बैंक का शुद्ध एनपीए मार्च 2021 में 36,810 करोड़ रुपये था।

इसके चलते फंसे हुए कर्ज के लिए का प्रावधान पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 11,894 करोड़ रुपये की तुलना में 16.64 प्रतिशत घटकर 9,914 करोड़ रुपये रह गया।

खारा ने कहा कि हाल में कोविड-19 मामलों में वृद्धि और इसकी रोकथाम के लिये विभिन्न राज्यों में लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से अर्थव्यवस्था में जो तेजी दिख रही थी, वह धीमी पड़ी है।

उन्होंने कहा कि टीकाकरण दायरा बढ़ने के साथ, आर्थिक गतिविधियों में अगले दो-तीन महीनों में पुनरूद्धार की उम्मीद है। बैंक चालू वित्त वर्ष में कर्ज बही-खाते में 10 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहा है।

खारा ने यह भी कहा कि बैंक स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये 10,000 करोड़ रुपये के कर्ज बही-खाता सृजित करेगा।

उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरूआत में भारतीय रिजर्व बैंक ने कोविड-19 संकट को देखते हुए टीका उत्पादन करने वाली कंपनियों, चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कंपनियों और अस्पतालों तथा अन्य स्वास्थ्य इकाइयों को 50,000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की थी।

बैंक के निदेशक मंडल ने 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए चार रुपये प्रति शेयर या अंकित मूल्य पर 400 प्रतिशत का लाभांश देने की सिफारिश की है। लाभांश का भुगतान 18 जून 2021 को होगा।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर


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