नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार सप्ताह की मोहलत दी जिन्होंने रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) (रेरा) अधिनियम, 2016 से संबंधित नियमों तथा कानून के कार्यान्वयन में विचलन पर जवाब दाखिल नहीं किया है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने आगाह किया कि तय समयसीमा में अगर जवाब दाखिल नहीं किए गए तो इस विलंब की वजह बताने के लिए आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिवों को अदालत आना होगा।
न्यायालय ने कहा कि 13 राज्य और दो केंद्रशासित प्रदेश इस याचिका पर अपने जवाब दाखिल कर चुके हैं। अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दाखिल करके न्यायालय से देशभर में आदर्श बिल्डर-खरीदार समझौता लागू करने का अनुरोध किया था।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि केंद्र को एक आदर्श समझौता तैयार करना चाहिए क्योंकि कुछ राज्यों के पास यह है जबकि कुछ के पास नहीं है और जो समझौते हैं उनमें भी एकरूपता नहीं है।
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