न्यायालय ने कोल इंडिया की 2006 की अंतरिम कोयला नीति की वैधता बरकरार रखी
न्यायालय ने कोल इंडिया की 2006 की अंतरिम कोयला नीति की वैधता बरकरार रखी
नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कोल इंडिया लि. की साल 2006 की अंतरिम कोयला नीति को वैध करार दिया। इस नीति के तहत गैर-बुनियादी उद्योगों की कंपनियों को दिए जाने वाले कोयले की कीमत में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी।
यह फैसला कोल इंडिया के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है, क्योंकि पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2012 में इस नीति को रद्द कर दिया था। लेकिन अब उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय का फैसला खारिज कर दिया है।
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और आर. महादेवन की पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने इस मामले में गंभीर गलती की थी। हमारे पास उच्च न्यायालय द्वारा चार अप्रैल, 2012 को विवादित फैसले को रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसलिए कोल इंडिया की अपील मंजूर की जाती है।”
पीठ ने आगे कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अंतरिम कोयला नीति की वैधता पर विचार करना महत्वपूर्ण था, इसलिए हम अंतरिम आवेदन… की अनुमति देते हैं… हम अंतरिम कोयला नीति को वैध पाते हैं। परिणामस्वरूप, प्रतिवादियों द्वारा पैसे वापसी की मांग को खारिज किया जाता है।’’
फैसले में कहा गया, ‘‘इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि अपीलकर्ता (कोल इंडिया) ने गैर-बुनियादी उद्योगों से जुड़े उपभोक्ताओं के लिए अंतरिम कोयला नीति में 20 प्रतिशत मूल्य वृद्धि केवल मुनाफा कमाने की नीयत से की थी।’’
भाषा योगेश रमण
रमण

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