नयी दिल्ली, 28 अगस्त (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजारों और ढांचागत सुविधाएं प्रदान करने वाले अन्य संस्थानों के लिये ‘उपयुक्त एवं उचित’ (फिट एंड प्रॉपर) मानदंडों के संदर्भ में नियमों में बदलाव किया है। इस बदलाव से ऐसे संस्थानों के खिलाफ पारित कोई भी निर्देश उनके संचालन को प्रभावित नहीं करेगा।
नये नियमों का उद्देश्य ऐसे संस्थानों से किसी व्यक्ति की भूमिका को अलग करना है।
‘उपयुक्त एवं उचित’ होने के लिए कुछ मानदंडों को पूरा करना होता है। इसमें वित्तीय तौर पर ईमानदारी, अच्छी प्रतिष्ठा के अलावा किसी अपराध में अदालत से कोई सजा नहीं मिली होनी चाहिए। साथ ही संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सेबी का कोई आदेश नहीं होना चाहिए।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने दो अलग-अलग अधिसूचनाओं में कहा कि ‘उपयुक्त एवं उचित’ व्यक्ति मानदंड आवेदनकर्ता, शेयर बाजार, समाशोधन निगम, डिपॉजिटरी, उनके शेयरधारकों, निदेशकों और प्रमुख प्रबंधन कर्मियों पर लागू होंगे।
इसके अलावा, ऐसे बाजार को ढांचागत सुविधाएं प्रदान करने वाले संस्थान (एमआईआई) को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके सभी शेयरधारक, निदेशक और प्रमुख प्रबंधन कर्मी इन मानदंडों को पूरा करते हों।
इस महीने की 22 तारीख को जारी अधिसूचना के अनुसार यदि संस्थान के किसी निदेशक या प्रमुख प्रबंधन कर्मी को ‘उपयुक्त और उचित’ नहीं माना जाता है, तो ऐसी संस्थाओं को अयोग्यता की तारीख से 30 दिन के भीतर ऐसे व्यक्ति को हटाना होगा। ऐसा न करने पर उसके खिलाफ ‘उपयुक्त और उचित व्यक्ति’ मानदंड लागू किया जा सकता है।
इस प्रकार की किसी भी अयोग्यता का निदेशकों या प्रबंधन से जुड़े प्रमुख कर्मियों की स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह तबतक लागू होगा जब तक कि निदेशकों या प्रबंधन में शामिल प्रमुख कर्मियों को भी उक्त मामले में दोषी नहीं पाया जाता है।
सेबी ने कहा, ‘‘किसी मान्यता प्राप्त शेयर बाजार या समाशोधन निगम के खिलाफ बोर्ड द्वारा पारित कोई भी आदेश उसके संचालन को प्रभावित नहीं करेगा जब तक कि आदेश में स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख न किया गया हो।’’
नियामक ने प्रतिभूति अनुबंध नियमों के साथ-साथ डिपॉजिटरी प्रतिभागियों के नियमों में भी संशोधन किया है।
भाषा
रमण अजय
अजय
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