सीतारमण ने बड़े केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों से मार्च 2021 तक पूंजीगत व्यय का लक्ष्य पार करने को कहा

सीतारमण ने बड़े केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों से मार्च 2021 तक पूंजीगत व्यय का लक्ष्य पार करने को कहा

सीतारमण ने बड़े केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों से मार्च 2021 तक पूंजीगत व्यय का लक्ष्य पार करने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: November 27, 2020 12:14 pm IST

नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बड़े केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का आह्वान किया कि वे वित्त वर्ष 2020-21 में अपने पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लक्ष्यों से बढ़कर खर्च करें, ताकि कोरोना वायरस संकट से प्रभावित आर्थिक वृद्धि में तेजी लाई जा सके।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक उन्होंने बिजली, खदान और परमाणु ऊर्जा सचिवों के साथ ही इन मंत्रालयों से संबंधित 10 सीपीएसई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकों (सीएमडी) के साथ बैठक में इस आशय की बातों पर बल दिया। वित्त मंत्री द्वारा महामारी के बीच आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ जारी बातचीत की कड़ी में यह पांचवी बैठक थी।

सीतारमण ने सीपीएसई के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए कहा कि उनके द्वारा किया जाने वाला पूंजीगत व्यय आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है और इसे 2020-21 और 2021-22 तक और बढ़ाने की जरूरत है।

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उन्होंने पूंजीगत व्यय के लक्ष्यों को पूरा करने के प्रयासों के लिए मंत्रालयों और सीपीएसई की सराहना करते हुए कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही तक 75 प्रतिशत पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को हासिल करने के लिए और चौथी तिमाही तक 100 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य हासिल करने के लिए अभी और अधिक प्रयासों की जरूरत है।’’

बयान में कहा गया कि 23 नवंबर तक कुल 24,227 करोड़ रुपये (39.4 प्रतिशत) का लक्ष्य हासिल किया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इन उपक्रमों के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 61,483 करोड़ रुपये है।

सीतारमण ने सीपीएसी को लक्ष्य हासिल करने हेतु बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि वर्ष 2020-21 के लिए उन्हें दिया गया पूंजी परिव्यय सही तरीके से और समय के भीतर खर्च किया जाए।

वित्त मंत्री ने कहा कि सीपीएसई के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के प्रकोप से उबरने में मदद मिल सकती है।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर


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