महंगाई के नरम पड़ने से 2025-26 में बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि में कमी संभव: सीईए

महंगाई के नरम पड़ने से 2025-26 में बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि में कमी संभव: सीईए

महंगाई के नरम पड़ने से 2025-26 में बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि में कमी संभव: सीईए
Modified Date: September 7, 2025 / 02:58 pm IST
Published Date: September 7, 2025 2:58 pm IST

(कुमार दीपांकर)

नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) महंगाई के नरम पड़ने से चालू वित्त वर्ष में बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बजट अनुमान (10.1 प्रतिशत) से कम रह सकती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने यह अनुमान जताया है।

मौजूदा बाजार कीमतों पर आधारित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महंगाई के प्रभाव को समायोजित नहीं किया जाता है।

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उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका के भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाने के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3-6.8 प्रतिशत के वास्तविक जीडीपी वृद्धि के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। वास्तविक जीडीपी में महंगाई के प्रभाव को समायोजित किया जाता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने हाल में ऐतिहासिक जीएसटी सुधारों को मंजूरी दी है, जिससे लगभग 400 वस्तुओं की कीमतों में कमी होगी। इसके अलावा खरीफ की अच्छी फसल के कारण भी मुद्रास्फीति कम रहने की उम्मीद है।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ”बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि में कुछ कमी हो सकती है। मुझे लगता है कि ऐसा होने की संभावना ज्यादा है। हालांकि, मेरे लिए उत्साहजनक बात यह है कि पहली तिमाही के लिए मौजूदा बाजार कीमत पर 8.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर कई लोगों के अनुमान से से बेहतर रही।”

उन्होंने कहा कि जीएसटी राहत और फरवरी के बजट में दी गई प्रत्यक्ष कर राहत से महंगाई कम होगी और खर्च करने योग्य आय बढ़ेगी। इससे घरेलू खपत बढ़ेगी, लेकिन कुल मिलाकर मुद्रास्फीति नियंत्रित रहेगी।

जीडीपी पर जीएसटी सुधारों के प्रभाव के बारे में नागेश्वरन ने कहा कि इस समय इसका आकलन करना मुश्किल होगा, लेकिन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि उपभोक्ता कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

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