नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) केंद्रीय दूरसंचार राज्यमंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने मंगलवार को मौजूदा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए किसी भी खतरे की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि एलन मस्क के नेतृत्व वाली उपग्रह इंटरनेट प्रदाता स्टारलिंक को मंजूरी देना एक जटिल मुद्दा है, लेकिन यह अंतिम चरण में है।
भारत टेलीकॉम कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सैटकॉम के लिए सरकार के सुरक्षा मानदंड, खासकर वर्तमान परिदृश्य में महत्वपूर्ण हैं, जब शत्रु देश पाकिस्तान, भारत की प्रणाली को हैक करने का प्रयास कर रहा है।
मंत्री ने कहा, “यह थोड़ा जटिल मुद्दा है (स्टारलिंक के लिए परमिट)। हमें कई कोणों से देखना होगा। सुरक्षा उनमें से एक है। निश्चित रूप से, चूंकि यह अंतिम चरण में है, इसलिए हम इस पर फिर से विचार करेंगे।”
उन्होंने कहा कि पारंपरिक दूरसंचार नेटवर्क की तुलना में कनेक्टिविटी में स्टारलिंक की भूमिका बहुत छोटी होगी।
पेम्मासानी ने कहा, “स्टारलिंक या अन्य, मैं चाहता था कि आप समझें कि पूरी दुनिया में स्टारलिंक के ग्राहकों की संख्या 50 लाख से कम है। यह बहुत ज्यादा नहीं है। अगर आप गति और अन्य चीजों को देखें तो यह पारंपरिक नेटवर्क की तुलना में बहुत धीमी है। स्टारलिंक के आने, उसके अधिग्रहण, इन सभी चीजों के बारे में बहुत ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए। लोग इसे नहीं समझते हैं।”
उन्होंने कहा कि चाहे स्टारलिंक हो या अन्य उपग्रह संचार कंपनियां, इसका मुख्य उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों को जोड़ना होगा जहां हमारे पारंपरिक नेटवर्क तक पहुंचना कठिन होगा और यह मुख्य रूप से घर के अंदर कनेक्टिविटी के लिए होगा न कि मोबाइल सेवाओं के लिए।
भाषा अजय अनुराग
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