चीनी निर्यात अगले सत्र में 28.5 प्रतिशत घटकर 80 लाख टन रहने का अनुमान: अधिकारी

चीनी निर्यात अगले सत्र में 28.5 प्रतिशत घटकर 80 लाख टन रहने का अनुमान: अधिकारी

चीनी निर्यात अगले सत्र में 28.5 प्रतिशत घटकर 80 लाख टन रहने का अनुमान: अधिकारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: August 25, 2022 3:34 pm IST

नयी दिल्ली, 25 अगस्त (भाषा) देश का चीनी निर्यात 2022-23 के सत्र में 28.57 प्रतिशत घटकर करीब 80 लाख टन रहने का अनुमान है। इसका कारण पीछे का कम बचा भंडार और एथनॉल के लिये अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में गन्ने के उपयोग की संभावना है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा।

उन्होंने कहा कि हालांकि खुले सामान्य लाइसेंस के तहत निर्यात की अनुमति अथवा मौजूदा कोटा प्रणाली पर फैसला गन्ना पेराई कार्य शुरू होने पर कीमत की स्थिति का आकलन करने के बाद किया जाएगा।

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चीनी सत्र अक्टूबर से सितंबर तक होता है। गन्ना पेराई का काम आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर में शुरू होता है और अप्रैल के मध्य तक चलता है।

मौजूदा सत्र में चीनी निर्यात 1.12 करोड़ टन रहने का अनुमान है।

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कुल मिलाकर चीनी उत्पादन अच्छा रहने का अनुमान है लेकिन निर्यात अगले सत्र में कम होगा।’’

उन्होंने कहा कि पिछली बची 60 लाख टन चीनी की उपलब्धता को देखते हुए अगले सत्र में आपूर्ति कम रहने की संभावना है। इसके अलावा एथनॉल के लिये अधिक मात्रा में गन्ने के उपयोग की भी संभावना है।

पिछले कुछ साल से आमतौर पर पिछले सत्र का चीनी भंडार 80 लाख से एक करोड़ टन तक रहता था लेकिन 2022-23 में इसके 60 लाख टन रहने का अनुमान है।

अधिकारी के अनुसार इतना ही नहीं, एथनॉल के उत्पादन में गन्ने का उपयोग भी 2022-23 में मौजूदा सत्र के मुकाबले अधिक होने की संभावना है। अगले सत्र में करीब 45-50 लाख टन गन्ना एथनॉल के लिये इस्तेमाल किये जाने की संभावना है, जबकि मौजूदा सत्र में 35 लाख टन गन्ने का इस्तेमाल किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्यों से प्राप्त सूचना अनुसार 2022-23 सत्र में देश का कुल चीनी उत्पादन चार करोड़ टन रहने का अनुमान है, जबकि मौजूदा सत्र में इसके 3.95 करोड़ टन रहने का अनुमान है।

अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिश और उत्तर प्रदेश में सिंचाई के कारण गन्ने की फसल की संभावना बेहतर हुई है।

भाषा रमण अजय

अजय


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