न्यायालय ने रेरा नियमों के क्रियान्वयन को लेकर राज्यों को केंद्र के सवालों का जवाब देने को कहा

न्यायालय ने रेरा नियमों के क्रियान्वयन को लेकर राज्यों को केंद्र के सवालों का जवाब देने को कहा

न्यायालय ने रेरा नियमों के क्रियान्वयन को लेकर राज्यों को केंद्र के सवालों का जवाब देने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: April 18, 2022 8:09 pm IST

नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) (रेरा) कानून, 2016 के नियमों के उनके क्षेत्रों में क्रियान्वयन को लेकर केंद्र के सवालों का जवाब देने को कहा।

न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश सूर्य कांत की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार ने मार्च, 2022 में सभी राज्यों को पत्र लिखकर रेरा कानून के तहत अधिसूचित बिक्री नियमों के समझौते और उनके अनुपालन के संदर्भ में कुछ सूचनाएं मांगी थीं, लेकिन केवल पांच राज्यों ने अबतक जवाब दिये।

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पीठ ने कहा, ‘‘केंद्र ने जो काम शुरू किया है, उसे सुगम बनाने के लिये हम सभी मुख्य सचिवों को निर्देश देते हैं कि वे रेरा नियमों के संदर्भ में पूछे गये सवालों का जवाब 15 मई या उससे पहले दें।’’

न्यायालय ने कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और मामले में पीठ की मदद कर रहे देबाशी भरूका राज्यों से सभी प्रासंगिक सूचना मिलने के बाद स्थिति रिपोर्ट जमा करेंगे।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिये जुलाई के तीसरे सप्ताह का समय दिया है।

न्यायालय ने कहा कि रिपोर्ट तैयार होने के बाद वह आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को उसे अपनी वेबसाइट पर डालने को कहेगा।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 14 फरवरी को केंद्र को यह पता लगाने का निर्देश दिया था कि रेरा कानून के तहत विभिन्न राज्यों ने जो नियम बनाये हैं, वे मकान खरीदारों के हित में हैं या नहीं।

न्यायालय के अनुसार वह चाहता है कि राज्यों पर सीधे छोड़ने के बजाय केंद्र बिल्डर-खरीदार समझौता तथा एजेंट-खरीदार समझौते का मॉडल बनाये, जो पूरे देश में लागू हो।

भाषा

रमण अजय

अजय


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