सरकार जल्दी ही ई-वाणिज्य कंपनियों के लिये जरूरी आपूर्ति की परिभाषा स्पष्ट कर सकती है

सरकार जल्दी ही ई-वाणिज्य कंपनियों के लिये जरूरी आपूर्ति की परिभाषा स्पष्ट कर सकती है

सरकार जल्दी ही ई-वाणिज्य कंपनियों के लिये जरूरी आपूर्ति की परिभाषा स्पष्ट कर सकती है
Modified Date: November 29, 2022 / 07:54 pm IST
Published Date: April 21, 2021 5:13 pm IST

नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग प्रमुखों से कहा है कि विभिन्न राज्यों में वस्तुओं के वर्गीकरण को लेकर जो विसंगतियां हैं, उस पर गौर किया जाएगा। इसका मतलब है कि सरकार ई-वाणिज्य कंपनियों द्वारा आपूर्ति किये जाने वाले सामान के मामले में अनिवार्य और गैर-अनिवार्य वस्तुओं की परिभाषा स्पष्ट कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उद्योग मंडल फिक्की से जुड़े उद्योगपतियों के साथ बैठक में सीतारमण ने कहा था कि ई-वाणिज्य कंपनियों द्वारा आपूर्ति की जाने वाली कौन वस्तु अनिवार्य है और कौन गैर-जरूरी, इसको लेकर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग व्यवस्था है।

मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री के अनुसार यह विचार के लिये उपयुक्त विषय है और वह मामले को मंत्रियों के समूह के समक्ष ले जाएंगी।

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इस बारे में वित्त मंत्रालय और फिक्की से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिल पायी है।

कइ राज्यो ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये स्थानीय स्तर पर ‘लॉकडाउन’ लगाया है। इसके तहत उन्होंने ई-वाणिज्य कंपनियों को केवल जरूरी सामानों की आपूर्ति की मंजूरी दी है। लेकिन अलग-अलग राज्यों में ऐसे जिंसों की सूची अलग-अलग है। एक राज्य जरूरी सामानों की सूची में शराब को भी रखा है और उसे घर तक पहुंचाने की अनुमति दी है।

उद्योग मंडल सीआईआई और फिक्की के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सीतारमण ने उद्योग से आग्रह किया कि वे स्थिति के आकलन के लिये अगले कुछ दिन देखे और इंतजार करे। उन्होंने उद्योग को सरकार की तरफ से हर तरह की सहायता का आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 मामलों से निपटने के लिये पांच स्तरीय रणनीति…जांच, निगरानी, उपचार, कोविड की रोकथाम के लिये उचित आचरण (मास्क पहनना, दूरी आदि) और टीकाकरण… अपनायी गयी है। जिस तरीके से कोविड-19 मामले बढ़ रहे हैं, उसमें इस पांच स्तरीय रणनीति से बदलाव आना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘…हम मिलकर कोविड महामारी से पार पाएंगे। मुझे भरोसा है कि हम सभी इस बात को समझते हैं कि वृद्धि की गति देना और उसे बनाये रखना कितना जरूरी है जिसे हम सभी पिछली और इस तिमाही में देखने को उत्सुक हैं।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी आने के बाद से होटल, विमानन, यात्रा, पर्यटन आदि जैसे क्षेत्रों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इन क्षेत्रों के लिये आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीजीएएलएस-2) का लाभ दिया और मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि पछले साल की तरह इस साल भी इसका पूरा लाभ इन क्षेत्रों को मिले।’’

सीतारमण ने भारतीय उद्योग की अत्यधिक सहिष्‍णुता, धैर्य और दृढ़ता के लिए प्रशंसा की, और इसका जापानी शब्द ‘गामानजुयोई’ के रूप में वर्णन किया।

ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार आपूर्ति पर नजर रख रही है और खासकर 12 राज्यों (दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल) के लिये नई मंजूरियां दी गयी हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार जो उपाय कर रही है, उसमें चिकित्सा ऑक्सीजन का आयात करना, ऑक्सीजन फिलिंग स्टेशनों का चौबीस घंटे काम करना और नाइट्रोजन और आर्गन के लिए इस्तेमाल होने वाले कंटेनरों का ऑक्‍सीजन के लिए इस्तेमाल करना शामिल है।

सीतारमण ने उम्मीद जतायी कि जैसे ही चिकित्सा के लिये ऑक्सीजन की मांग पूरी होती है, उद्योग को भी जरूरी आपूर्ति मिलेगी क्योंकि ऑक्सीजन के आयात की अनुमति दी गयी है।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर


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