सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंक मार्च तक तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई नियम से आ जाएंगे बाहर: सचिव

सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंक मार्च तक तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई नियम से आ जाएंगे बाहर: सचिव

सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंक मार्च तक तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई नियम से आ जाएंगे बाहर: सचिव
Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 pm IST
Published Date: February 2, 2021 5:24 pm IST

नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बचे बैंक रिजर्व बैंक के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) नियम से अगले दो महीनों में बाहर आ जाएंगे। इसका कारण उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार है।

इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक फिलहाल पीसीए व्यवस्था के अंतर्गत हैं। इसके तहत संबंधित बैंकों पर कर्ज देने, प्रबंधन क्षतिपूर्ति और निदेशकों को भुगतान समेत अन्य चीजों पर पाबंदी लगायी जाती है।

वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘वास्तव में ये तीनों बैंक पिछली दो तिमाहियों से लाभ के मामले में बेहतर कर रहे हैं और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कमोबेश सभी मानदंडों को पूरा कर रहे हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ये बैंक कर्ज देने समेत अन्य सभी कार्य कर रहे हैं लेकिन कुछ पाबंदियां हैं। अत: उसे हटाया जाएगा। हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले वे पीसीए के दायरे से बाहर आ जाएंगे।’’

उन्होंने यह भी कहा कि अगर नियामक ने जोर दिया तो इन बैंकों के लिये अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध करायी जाएगी। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिये 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी रखी है।

पांडा ने कहा, ‘‘हालांकि हमारा मानना है कि वे जरूरी 11.5 प्रतिशत जोखिम (भारांश) संपत्ति के अनुपात में पूंजी (सीआरएसआर) के नियमन को पूरा कर रहे हैं। इसीलिए हम मामले को आगे बढ़ाएंगे और हम उम्मीद करते हैं कि वे पीसीए के दायरे से बाहर आ जाएंगे।’’

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर


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