निजीकरण, श्रम संहिताओं के खिलाफ श्रमिक संगठनों की 20 मई को देशव्यापी हड़ताल

निजीकरण, श्रम संहिताओं के खिलाफ श्रमिक संगठनों की 20 मई को देशव्यापी हड़ताल

निजीकरण, श्रम संहिताओं के खिलाफ श्रमिक संगठनों की 20 मई को देशव्यापी हड़ताल
Modified Date: March 18, 2025 / 07:25 pm IST
Published Date: March 18, 2025 7:25 pm IST

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) देश के विभिन्न श्रमिक संगठनों ने श्रम संहिताओं को खत्म करने और निजीकरण बंद करने जैसी मांगों को लेकर 20 मई को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

केंद्रीय मजदूर संगठनों और स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघों के मंच की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय श्रमिक सम्मेलन के दौरान दो महीने का अभियान चलाने का फैसला किया गया, जिसका समापन 20 मई को देशव्यापी हड़ताल के साथ होगा।

मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक, इस सम्मेलन को विभिन्न श्रमिक संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया। इनमें इंटक से अशोक सिंह, एटक से अमरजीत कौर, एचएमएस से हरभजन सिंह, सीटू से तपन सेन, एआईयूटीयूसी से हरीश त्यागी, टीयूसीसी से के इंदु प्रकाश मेनन, सेवा से लता बेन, एआईसीसीटीयू से राजीव डिमरी, एलपीएफ से जवाहर प्रसाद और यूटीयूसी से अशोक घोष शामिल थे।

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इन सभी श्रमिक नेताओं ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा का समर्थन किया।

बयान में कहा गया, ”भविष्य में मजदूरों और किसानों के राष्ट्रव्यापी निर्णायक संघर्षों की श्रृंखला 20 मई से शुरू होगी।”

सम्मेलन ने सर्वसम्मति से एक घोषणापत्र पारित किया। इसमें आरोप लगाया गया कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने कामकाजी लोगों पर दुखों का भार थोपा है और कॉरपोरेट समर्थक तथा मजदूर-विरोधी नीतियों को अपनाया है। इन नीतियों के चलते बेरोजगारी, गरीबी और असमानता बढ़ गई है।

घोषणापत्र में श्रम संहिताओं को खत्म करने, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण रोकने, न्यूनतम मासिक वेतन 26,000 रुपये करने, कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 9,000 रुपये करने और भारतीय श्रम सम्मेलन के नियमित सत्र आयोजित करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम


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