भारत के गेहूं को लेकर UAE का बड़ा फैसला, बैन के बाद भारत सरकार ने भेजी थी खेप |

भारत के गेहूं को लेकर UAE का बड़ा फैसला, बैन के बाद भारत सरकार ने भेजी थी खेप

भारत ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी, यह रोक ऐसे समय में लगाई गई थी, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं संकट बना हुआ था। इसी दौरान यूएई ने भारत से गेहूं खरीदने की गुहार लगाई थी और भारत ने उसे गेहूं की खेप भेजी भी थी। अब यूएई ने फैसला किया है कि जो गेहूं भारत से खरीदा गया है, उसे यूएई से बाहर नहीं बेचा जाएगा।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : June 16, 2022/9:51 am IST

UAE’s big decision regarding India’s wheat: नई दिल्ली, 15 जून 2022। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत से खरीदे गेहूं के देश से बाहर निर्यात करने पर रोक लगा दी है, यूएई में आयात किए गए भारतीय गेहूं के आटे के निर्यात पर भी रोक लगाई गई है। हालांकि, यह रोक चार महीने के लिए है। यह रोक गेहूं के सभी प्रकारों हार्ड गेहूं, सामान्य गेहूं, सॉफ्ट गेहूं और आटे सभी पर लागू होगी।>>IBC24 News के Whatsapp Group से जुड़ने यहां Click करें<<

यूएई की सरकारी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम ने बयान जारी कर कहा कि 13 मई से पहले यूएई में आयात हुए भारतीय गेहूं या आटे को चार महीने तक देश से बाहर निर्यात नहीं किया जा सकेगा, अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने बताया कि यह फैसला अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों के कारण व्यापार बाधित होने की वजह से लिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने यूएई को घरेलू खपत के लिए गेहूं का निर्यात किया था इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए भी ये फैसला लिया गया है।

read more: देश प्रदेश की ताजा खबरों के लिए यहां ​लिंक पर जाएं

UAE’s big decision regarding India’s wheat: मंत्रालय ने कहा कि जो गेहूं या आटा भारत से नहीं खरीदा गया है, उसके देश से बाहर निर्यात के लिए कंपनियों को अब सरकार से मंजूरी लेनी होगी। रिपोर्ट में कहा गया, कंपनियों को अब अर्थव्यवस्था मंत्रालय के समक्ष वे सभी दस्तावेज और फाइलें जमा करानी होंगी, जिसमें निर्यात किए जाने वाले गेहूं की खेप के देश, लेनदेन की तारीख और अन्य जरूरी जानकारियां की पुष्टि करने वाले डेटा शामिल हों।

ऐसी स्थिति में कंपनियों को सरकार की ओर से एक्सपोर्ट परमिट जारी किया जाएगा, जिसकी अवधि 30 दिन की होगी। यूएई सरकार के इस कदम का मतलब है कि कई देश (अधिकतर अमीर और विकसित देश) उससे अब भारतीय गेहूं नहीं खरीद पाएंगे, जो वे पहले करते थे। इससे UAE में भारत के गेहूं की जमाखोरी पर भी रोक लगेगी।

read more: बाइडन ने भारतीय अमेरिकी राधा अयंगर को पेंटागन के शीर्ष पद के लिए नामित किया

बता दें कि भारत ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी, हालांकि, 13 मई से पहले जिन देशों के साथ गेहूं खरीद करार हो गया था, उन्हें भारत ने बाद में गेहूं भेजा था। गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने के बाद से भारत ने 469,202 टन गेहूं की खेप भेजने को मंजूरी दी थी।

बता दें कि यूएई और भारत के बीच फरवरी में व्यापार और निवेश को लेकर समझौता हुआ था, इसके तहत दोनों देशों को एक-दूसरे के उत्पादों पर सभी तरह के शुल्क खत्म करना था। इस समझौते का उद्देश्य अगले पांच साल में दोनों देशों के बीच का सालाना कारोबार बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करने का है। इस करार का नाम कॉम्प्रेहेंसिव इकॉनोमिक पार्टनरशिप ट्रेड एग्रीमेंट (सीईपीए) है, जो एक मई को प्रभावी हुआ।

read more: प्रदेश में आज से खुल जाएंगे सभी स्कूल, प्रवेश उत्सव के बाद होगा किताब और ड्रेस का वितरण

बता दें कि 13 मई को भारत ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी, यह रोक ऐसे समय में लगाई गई थी, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं संकट बना हुआ है। इस दौरान यूएई उन पांच देशों में शामिल था, जिन्होंने भारत से गेहूं खरीदने की गुहार लगाई थी, इसके अलावा अन्य देशों में इंडोनेशिया, ओमान, बांग्लादेश और यमन थे।